उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा (kanwar yatra) न कराने के अपने फैसले पर पुनर्विचार का फैसला किया है. अभी देश कोरोना की दूसरी लहर से ठीक से उबर भी नहीं पाया है पर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रा 25 जुलाई से शुरू करने का ऐलान करके उत्तराखंड सरकार की दुविधा बढ़ा दी है. योगी आदित्यनाथ ने खुद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से इस विषय पर बात की है. योगी ने इस बारे में फोन किया है, उसके बाद उत्तराखंड सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार करेगी. दरअसल, सीएम योगी आदित्यनाथ ऐलान कर चुके हैं कि 25 जुलाई से यूपी में कांवड़ यात्रा निकाली जाएगी, जिसे पिछले साल कोरोना के चलते रद्द कर दिया गया था. गौरतलब है कि कुंभ को लेकर आलोचना झेलने के बाद उत्तराखंड सरकार ने फैसला किया था कि वह इस बार कांवड़ यात्रा नहीं कराएगी लेकिन लगता है कि इस फैसले को बदलने की तैयारी है. उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कांवड़ यात्रा कई राज्यों का मामला है, हम इन राज्यों से बात करके निर्णय लेंगे.
तीन दिन पहले ही उत्तराखंड के डीजीपी ने कहा था कि कोरोना महामारी के चलते कांवड़ यात्रा नहीं कराई जाएगी. हरिद्वार में मार्च-अप्रैल माह में आयोजित हुए कुंभ के दौरान उत्तराखंड और देश में कोरोना के केसों की संख्या में तेजी आई थी. कई साधुओं और सैकड़ों लोगों को इस दौरान जान गंवानी पड़ी थी. कुंभ में आने वालों के लिए कोविड निगेटिव आरपीसीआर रिपोर्ट लाना अनिवार्य किया गया था, बाद में जांच में पता चला कि हजारों रिपोर्ट फर्जी हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से जब यह सवाल किया गया कि क्या केंद्र सरकार, उत्तराखंड और यूपी सरकार को कांवड़ यात्रा कराने से रोकेगी तो उन्होंने कहा कि जिस तरह प्रधानमंत्री ने पहले ही कहा था कि 'जान भी जहान भी' तो इसे बेलेंस करते हुए कैसे आगे बढ़ना है, इस बारे में देखना होगा. जो भी कार्य किया जाए वह कोविड सेफ करके किया जाए. ऐसे समय जब कोविड की तीसरी लहर को लेकर अंदेशा जताया जा रहा है यह यात्रा आयोजित करना जोखिम भरा हो सकता है. यूपी और उत्तराखंड, दोनों ही राज्यों में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में कांवड यात्रा को सियासती फायदे और कोर हिंदू वोट बैंक से जोड़कर भी देखा जा रहा है.
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