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This Article is From Feb 11, 2021

उत्तराखंड त्रासदी : सुरंग से 34 जिंदगियां बचाने के लिए जुटे हैं सुरक्षाबलों के 800 जवान

Uttarakhand Glacier Disaster : तपोवन-विष्णुगाड परियोजना की सुरंग में टनों गाद और मलबा आने के कारण बचाव अभियान में आ रही मुश्किलों को देखते हुए उसमें फंसे 30-35 लोगों को ढूंढने के लिए ड्रोन तथा रिमोट सेंसिंग उपकरणों की मदद ली जा रही है.

उत्तराखंड त्रासदी : सुरंग से 34 जिंदगियां बचाने के लिए जुटे हैं सुरक्षाबलों के 800 जवान
Uttarakhand's Chamoli Disaster : दो और शव मिलने से मृतकों की संख्या 34 हो गई.
नई दिल्ली:

उत्तराखंड की सुरंग में फंसे 34 लोगों को निकालने के लिए सेना और अर्धसैनिक बल के करीब 800 जवान दिन-रात जुटे हुए हैं. ग्लैशियर टूटने से आई बाढ़ की वजह से करीब 200 लोग लापता हो गए, जिनमें से 34 शव बरामद हुए है. 10 शवों की शिनाख्त की गई है, जिनमें से दो पुलिस कर्मी भी हैं. इसके अलावा 10 मानव अंग मिले हैं. 
जिनकी शिनाख्त नहीं हुई, उनके डीएनए टेस्ट करवाये जा रहे हैं.

दो और शव मिलने से मृतकों की संख्या 34 हो गई. एक अधिकारी ने बताया कि बाढ़ से क्षतिग्रस्त तपोवन-विष्णुगाड परियोजना की सुरंग में टनों गाद और मलबा आने के कारण बचाव अभियान में आ रही मुश्किलों को देखते हुए उसमें फंसे 30-35 लोगों को ढूंढने के लिए ड्रोन तथा रिमोट सेंसिंग उपकरणों की मदद ली जा रही है.

मौके पर मौजूद उत्तराखंड पुलिस के मुख्य प्रवक्ता और पुलिस उप महानिरीक्षक नीलेश आनंद भरणे ने बताया, ‘इस समय हमारा सारा फोकस हमारे पास उपलब्ध सभी संसाधानों जैसे ड्रोन और रिमोट सेंसिंग उपकरणों की मदद से सुरंग के अंदर फंसे लोगों को बचाना है.'

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रविवार को ऋषिगंगा घाटी में पहाड़ से गिरी लाखों मीट्रिक टन बर्फ के कारण ऋषिगंगा और धौलीगंगा नदियों में अचानक आयी बाढ़ से 13.2 मेगावाट ऋषिगंगा जल विद्युत परियोजना पूरी तरह तबाह हो गयी थी जबकि बुरी तरह क्षतिग्रस्त 520 मेगावाट तपोवन—विष्णुगाड परियोजना की सुरंग में काम कर रहे लोग उसमें फंस गए . उसके बाद से ही वहां लगातार सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) और राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) द्वारा लगातार बचाव और तलाश अभियान चलाया जा रहा है .

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भरणे ने बताया कि बचाव दल अब तक सुरंग के अंदर 80 मीटर तक पहुंच चुके हैं और अंदर फंसे लोगों तक पहुंचने के लिए उन्हें टनों मलबे के बीच में से कम से कम 100 मीटर और रास्ता तय करना पडे़गा . उन्होंने बताया कि आपदा प्रभावित क्षेत्र के साथ ही अलकनन्दा नदी तटों पर भी लापता लोगों की खोजबीन की जा रही है . उधर, राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, आपदा ग्रस्त क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों से अब तक कुल 34 शव बरामद हो चुके हैं जबकि 170 अन्य अभी लापता हैं. (इनपुट भाषा से भी)

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