उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने पद से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस के गलियारे में बहुगुणा को हटाने के बारे में पिछले काफी दिनों से खबरें गर्म थीं। इस बीच ऐसे संकेत हैं कि राज्य के मुख्यमंत्री के पद की दौड़ में केंद्रीय मंत्री हरीश रावत सबसे आगे हैं।
राज्यपाल अजीज कुरैशी को अपना इस्तीफा सौंपने के लिए राजभवन जाने से कुछ ही देर पहले बहुगुणा ने कहा कि वह पार्टी आलाकमान के निर्देश पर इस्तीफा दे रहे हैं।
उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और राजनीतिज्ञ बहुगुणा ने संवाददाताओं को बताया, पार्टी आलाकमान के आदेशानुसार मैं मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे रहा हूं। शनिवार को विधायकों की एक बैठक होगी और मैं उनसे अनुरोध करता हूं कि नया मुख्यमंत्री चुनने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अधिकृत करने के उद्देश्य से वे सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित करें।
सूत्रों के मुताबिक बहुगुणा को हटाने का फैसला पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की पिछले दिनों कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक के बाद किया गया था। नियुक्ति के समय से ही बहुगुणा दबाव में चल रहे थे।
उत्तराखंड में पिछले साल विनाशकारी बाढ़ के बाद राहत और पुनर्वास कार्यों को लेकर बहुगुणा की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठने लगे थे। राज्य के विधायकों और अन्य कांग्रेस नेताओं के प्रतिनिधिमंडल बहुगुणा को हटाने का दबाव बनाने के लिए दिल्ली में पिछले छह महीने से पार्टी नेताओं से नियमित तौर पर मिलते रहे हैं।
कांग्रेस के विधानसभा में 33 सदस्य हैं। उसे प्रोग्रेसिव डेमोकेट्रिक फ्रंट के 7 सदस्यों का समर्थन है। इस फ्रंट में बसपा के तीन, निर्दलीय तीन और उत्तराखंड क्रान्ति दल का एक विधायक शामिल हैं। शेष 30 विधायक भाजपा के हैं।
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