भारतीय मंत्रियों, विपक्षी नेताओं और पत्रकारों के फोन नंबर उस लीक डाटाबेस में पाए गए हैं, जिन्हें इजरायली स्पाईवेयर Pegasus के इस्तेमाल से हैक किया गया है. द वायर सहित 16 मीडिया संस्थानों की पड़ताल में यह जानकारी सामने आई है. रविवार शाम को प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि लीगल कम्यूनिटी मेंबर्स, बिजनेसमैन, सरकारी अधिकारी, वैज्ञानिक, कार्यकर्ताओं और अन्यों के नंबर इस लिस्ट में शामिल हैं. इस लिस्ट में 300 से ज्यादा भारतीय मोबाइल नंबर हैं. हिंदुस्तान टाइम्स, इंडिया टुडे, नेटवर्क 18, द हिंदू और इंडियन एक्सप्रेस सहित बड़े मीडिया संस्थानों के बड़े पत्रकारों को भी निशाना बनाया गया है.
The Wire के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि 2019 के लोकसभा आम चुनावों से पहले 2018 और 2019 के बीच ज्यादातर को निशाना बनाया गया. पेगासस को बचेने वाली इजरायली कंपनी NSO ग्रुप का दावा है कि वह अपने स्पाईवेयर केवल अच्छी तरह से जांची-परखी सरकारों को ही ऑफर करती है.
इस मामले पर सरकार की ओर से भी सफाई आ गई है. सरकार ने हैकिंग में शामिल होने से इनकार करते हुए कहा, 'विशेष लोगों पर सरकारी निगरानी के आरोपों का कोई ठोस आधार या इससे जुड़ी सच्चाई नहीं है.' लेकिन, द वायर की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने Pegasus स्पाइवेयर की खरीद या उपयोग से स्पष्ट रूप से इनकार नहीं किया.
मीडिया के सवालों के जवाब में, आईटी मंत्रालय ने कहा कि भारत एक मजबूत लोकतंत्र है जो अपने सभी नागरिकों को मौलिक अधिकार के रूप में निजता के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. सरकार के बयान में कहा गया है, 'इसको आगे बढ़ाते हुए सरकार की ओर से डाटा प्रोटेक्शन बिल, 2019 और सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 लाया गया, ताकि व्यक्तिगत डेटा की रक्षा की जा सके और सोशल मीडिया यूजर्स को सशक्त बनाया जा सके.'
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