
सेना के कैंप पर हमले के बाद जलता हुए टेंट
- उरी में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए सुनील कुमार
- सुनील कुमार भारतीय सेना में कार्यरत थे, उनकी हैं तीन बेटियां
- मौत की खबर के बाद भी बेटियों ने दी स्कूल की परीक्षा
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:
जम्मू कश्मीर के उरी में स्थित सेना के कैंप पर आतंकियों के हमले में शहीद हुए बिहार के गया के जवान सुनील कुमार विद्यार्थी की तीन बेटियों ने भी अदम्य साहस और हिम्मत का परिचय दिया है. शहीद सुनील की तीन बेटियों ने पिता की मौत की खबर मिलने के बाद भी तय स्कूल की परीक्षा में हिस्सा लिया और अपनी अपनी परीक्षाएं दीं. अभी पिता का शव भी घर नहीं पहुंचा था.
बता दें कि उरी में आतंकी हमले में सेना के सुनील कुमार विद्यार्थी भी शहीद हो गए थे. गया में उनकी पत्नी तीन बेटियों और एक बेटे के साथ रह रही थीं. उनकी सबसे बड़ी बेटी आरती 14 साल, अंशू 12 साल, अंशिका 7 साल और बेटा दो साल का है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रविवार को हुए हमले में पिता की मौत की खबर के बाद के भी तीन बेटियों का हौसला डिगा नहीं था.
शव पहुंचने से पहले सोमवार को तीनों बेटियों ने स्कूल जाकर अपनी परीक्षाएं दी. जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने ऐसे हालात में परीक्षा देने की हिम्मत कैसे जुटाई तो उनका कहना था कि हमारे पिता हमें बेटों की तरह रखते थे. गांव में अच्छी पढ़ाई की व्यवस्था नहीं होने के कारण उन्होंने हमें शहर में पढ़ाई के लिए रखा था. पापा तो देश के लिए कुर्बान हो गए. हमें भी कहते थे कि हम भी देश के लिए कुछ करें. इसीलिए परीक्षा देने के लिए आए हैं.
घर में परिवार के सभी लोगों का रो-रोकर बुरा हाल हैं. पिता कहते हैं कि आखिर हम अब तक सहेंगे. हम अपना बदला कब लेंगे.
बता दें कि उरी में आतंकी हमले में सेना के सुनील कुमार विद्यार्थी भी शहीद हो गए थे. गया में उनकी पत्नी तीन बेटियों और एक बेटे के साथ रह रही थीं. उनकी सबसे बड़ी बेटी आरती 14 साल, अंशू 12 साल, अंशिका 7 साल और बेटा दो साल का है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रविवार को हुए हमले में पिता की मौत की खबर के बाद के भी तीन बेटियों का हौसला डिगा नहीं था.
शव पहुंचने से पहले सोमवार को तीनों बेटियों ने स्कूल जाकर अपनी परीक्षाएं दी. जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने ऐसे हालात में परीक्षा देने की हिम्मत कैसे जुटाई तो उनका कहना था कि हमारे पिता हमें बेटों की तरह रखते थे. गांव में अच्छी पढ़ाई की व्यवस्था नहीं होने के कारण उन्होंने हमें शहर में पढ़ाई के लिए रखा था. पापा तो देश के लिए कुर्बान हो गए. हमें भी कहते थे कि हम भी देश के लिए कुछ करें. इसीलिए परीक्षा देने के लिए आए हैं.
घर में परिवार के सभी लोगों का रो-रोकर बुरा हाल हैं. पिता कहते हैं कि आखिर हम अब तक सहेंगे. हम अपना बदला कब लेंगे.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
बिहार, गया, पटना, सुनील कुमार विद्यार्थी, उरी हमला, आतंकी हमला, भारत, पाकिस्तान, Bihar, Gaya, Patna, Sunil Kumar Vidhyarthi, Uri Attack, Terror Attack, India, Pakistan