नई दिल्ली:
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने उरी आतंकी हमलों के बाद तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है, ''भारत-पाक संबंध अब कभी भी पहले जैसे नहीं होंगे.'' इस सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोमवार को वरिष्ठ मंत्रियों के साथ माकूल जवाब देने की रणनीति पर चर्चा की. उसमें तय किया गया कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कूटनीतिक दृष्टि से पाकिस्तान को अलग-थलग करने का प्रयास किया जाए. हालिया वर्षों में सेना पर इस सबसे बड़े आतंकी हमले के बाद सोमवार को आपात मीटिंगों का दौर चला.
रविशंकर प्रसाद ने कहा, ''पाकिस्तान की हरकतें बर्दाश्त करने की हदों को पार कर गई हैं...वह हमेशा इनमें अपनी भूमिका को नकारता है लेकिन उसकी भूमिका के स्पष्ट प्रमाण हैं.'' उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक सरकार की इस मामले में स्पष्ट राय है कि इस हमले का सुनियोजित, बहु-स्तरीय और रणनीतिक जवाब दिया जाए.
उधर विपक्षी कांग्रेस ने पीएम नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए उन्हें याद दिलाया कि वह पूर्ववर्ती यूपीए सरकार की पाक नीति पर बड़े सवाल खड़े करते थे. मनीष तिवारी ने रिपोर्टरों से कहा, ''प्रधानमंत्री क्या आप कमजोर नहीं हैं? यदि आप मजबूत हैं तो देश को इस प्रमाण देने की जरूरत है.''
उन्होंने यह भी कहा, ''यदि यह सच है कि जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) इस हमले के पीछे है तो दूसरा सवाल उठता है कि कांधार मसले से क्या दूसरे तरीके से निपटा जा सकता है? क्योंकि कांधार कांड के चलते ही आतंकी मसूद अजहर की रिहाई हुई और उसके बाद ही उसने जेईएम का गठन किया.''
उल्लेखनीय है कि 1999 में आतंकियों ने इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट आईटी-814 का अपहरण कर यात्रियों को बंधक बना लिया था. उस वक्त केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार सत्ता में थी. यात्रियों की रिहाई के बदले में मसूद अजहर समेत दो अन्य आतंकियों को छोड़ा गया था.
मनीष तिवारी ने सरकार पर स्पष्ट पाक नीति नहीं होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ''मोदी सरकार को खुद से दो सवाल करने चाहिए. पहला, आप पाकिस्तान के साथ क्या करना चाहते हैं और दूसरा, आप पाकिस्तान के साथ क्या कर सकते हैं.''
वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान ने सोमवार को एक बयान जारी कर इस हमले में अपनी किसी भी भूमिका से इनकार करते हुए भारत के आरोपों को ''निराधार और गैर-जिम्मेदाराना'' ठहराया है.
रविशंकर प्रसाद ने कहा, ''पाकिस्तान की हरकतें बर्दाश्त करने की हदों को पार कर गई हैं...वह हमेशा इनमें अपनी भूमिका को नकारता है लेकिन उसकी भूमिका के स्पष्ट प्रमाण हैं.'' उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक सरकार की इस मामले में स्पष्ट राय है कि इस हमले का सुनियोजित, बहु-स्तरीय और रणनीतिक जवाब दिया जाए.
उधर विपक्षी कांग्रेस ने पीएम नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए उन्हें याद दिलाया कि वह पूर्ववर्ती यूपीए सरकार की पाक नीति पर बड़े सवाल खड़े करते थे. मनीष तिवारी ने रिपोर्टरों से कहा, ''प्रधानमंत्री क्या आप कमजोर नहीं हैं? यदि आप मजबूत हैं तो देश को इस प्रमाण देने की जरूरत है.''
उन्होंने यह भी कहा, ''यदि यह सच है कि जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) इस हमले के पीछे है तो दूसरा सवाल उठता है कि कांधार मसले से क्या दूसरे तरीके से निपटा जा सकता है? क्योंकि कांधार कांड के चलते ही आतंकी मसूद अजहर की रिहाई हुई और उसके बाद ही उसने जेईएम का गठन किया.''
उल्लेखनीय है कि 1999 में आतंकियों ने इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट आईटी-814 का अपहरण कर यात्रियों को बंधक बना लिया था. उस वक्त केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार सत्ता में थी. यात्रियों की रिहाई के बदले में मसूद अजहर समेत दो अन्य आतंकियों को छोड़ा गया था.
मनीष तिवारी ने सरकार पर स्पष्ट पाक नीति नहीं होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ''मोदी सरकार को खुद से दो सवाल करने चाहिए. पहला, आप पाकिस्तान के साथ क्या करना चाहते हैं और दूसरा, आप पाकिस्तान के साथ क्या कर सकते हैं.''
वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान ने सोमवार को एक बयान जारी कर इस हमले में अपनी किसी भी भूमिका से इनकार करते हुए भारत के आरोपों को ''निराधार और गैर-जिम्मेदाराना'' ठहराया है.
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