चेन्नई:
अपने समुदाय के सदस्यों को सम्मानित जीवन बिताने में मदद के लिए सरकारी सहायता में ‘कमी’का हवाला देते हुए शिक्षित चार ट्रांसजेंडरों के समूह ने अपनी दलील के साथ तमिलनाडु सरकार को - दया मृत्यु की मांग वाली एक याचिका सौंपी है।
बानू, लिविंगस्माइल, विद्या और एंजेल ग्लैडी ने यहां शुक्रवार को जिला कलेक्टरेट में पेश अपनी याचिका में कहा कि अपने लिंग के कारण भेदभाव और अन्य समस्याओं को लेकर निशाना बनने के बजाय वे सम्मान से मरना चाहते हैं।
समूह ने कहा कि आजीवन एक सम्मानित जीवन बिताने के लिए शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण सहित सरकारी सहायता पाने के लिए वे व्यर्थ कोशिश कर रहे हैं।
तंजावुर तमिल यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएट बानू ने बताया, हम एक सम्मानित जीवन जीना चाहते हैं और इसलिए हम शिक्षा, नौकरियों में आरक्षण चाहते हैं, लेकिन न तो केंद्र ने और न ही राज्य सरकारों ने हमारी मांग पर ध्यान दिया। विद्या ने कहा कि यह दिखाने के लिए कि उनके समुदाय के सदस्यों को जीवन जीने के लिए मजबूरन भीख मांगना पड़ता है, उन्होंने भीख मांगकर और अन्य कई तरह से प्रदर्शन किया।
उन्होंने कहा कि इस तरह का जीवन जीने के बजाय हम सम्मान के साथ मरना पसंद करेंगे। उन्होंने इस बात पर भी जोर देते हुए कि वे पूरे हक के साथ एक सम्मानित जीवन जीना चाहते हैं, इसलिए हमने दया मृत्यु की याचिका दाखिल की है। विद्या ने बताया कि बहरहाल, कलेक्टरेट के अधिकारियों ने उन्हें मदद का आश्वासन दिया था।
बानू, लिविंगस्माइल, विद्या और एंजेल ग्लैडी ने यहां शुक्रवार को जिला कलेक्टरेट में पेश अपनी याचिका में कहा कि अपने लिंग के कारण भेदभाव और अन्य समस्याओं को लेकर निशाना बनने के बजाय वे सम्मान से मरना चाहते हैं।
समूह ने कहा कि आजीवन एक सम्मानित जीवन बिताने के लिए शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण सहित सरकारी सहायता पाने के लिए वे व्यर्थ कोशिश कर रहे हैं।
तंजावुर तमिल यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएट बानू ने बताया, हम एक सम्मानित जीवन जीना चाहते हैं और इसलिए हम शिक्षा, नौकरियों में आरक्षण चाहते हैं, लेकिन न तो केंद्र ने और न ही राज्य सरकारों ने हमारी मांग पर ध्यान दिया। विद्या ने कहा कि यह दिखाने के लिए कि उनके समुदाय के सदस्यों को जीवन जीने के लिए मजबूरन भीख मांगना पड़ता है, उन्होंने भीख मांगकर और अन्य कई तरह से प्रदर्शन किया।
उन्होंने कहा कि इस तरह का जीवन जीने के बजाय हम सम्मान के साथ मरना पसंद करेंगे। उन्होंने इस बात पर भी जोर देते हुए कि वे पूरे हक के साथ एक सम्मानित जीवन जीना चाहते हैं, इसलिए हमने दया मृत्यु की याचिका दाखिल की है। विद्या ने बताया कि बहरहाल, कलेक्टरेट के अधिकारियों ने उन्हें मदद का आश्वासन दिया था।
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