फाइल फोटो
नई दिल्ली:
यूपी के चर्चित राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) घोटाले में सुप्रीम कोर्ट ने करीब 47 आरोपियों को राहत देते हुए नियमित जमानत दे दी है। इन आरोपियों को पहले से अंतरिम प्रोटेक्शन मिला हुआ था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इन आरोपियों को घोटाले की रकम स्वास्थ्य विभाग को देनी होगी, जो इसे फिर से एनआरएचएम योजना में लगाएगा।
आरोपियों में मेडिसिन सप्लायर और डॉक्टर शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अपने आदेश में कहा कि आरोपियों पर जितनी रकम की अनियमितता के आरोप लगे हैं, वह रकम स्पेशल कोर्ट के सामने जमा करें। हालांकि, इनमें से कई पहले ही अंतरिम प्रोटेक्शन के वक्त रकम जमा कर चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरोपी जमानत के दौरान अपने पासपोर्ट स्पेशल कोर्ट में जमा करें, साथ ही वो ये सबूतों को प्रभावित नहीं करेंगे।
अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि आरोपियों द्वारा जमा की गई रकम हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर डिपार्टमेंट को ट्रांसफर किया जाए, ताकि रकम का इस्तेमाल एनआरएचएम में हो सके। गौरतलब है कि यूपी के एनआरएचएम घोटाला में कथित तौर पर हजारों करोड़ रुपये का गबन हुआ है। मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर करीब 50 आरोपियों ने जमानत की मांग की।
इनमें से 4 आरोपी जेल में बंद हैं, जबकि एक फरार है और बाकी के खिलाफ निचली अदालत ने वारंट जारी किया था। इन तमाम आरोपियों के खिलाफ सीबीआई ने पीसी एक्ट और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल की थी। सीबीआई ने एनआरएचएम घोटाला मामले में कुल 76 केस दर्ज किए थे और इनमें 56 मामलों में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है।
चार्जशीट के बाद सीबीआई के स्पेशल कोर्ट ने इनके नाम समन और वारंट जारी किए। जिसके बाद आरोपियों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और सीबीआई के स्पेशल कोर्ट के जूरिडिक्शन को चुनौती दी साथ ही गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की इसके अलावा चार्जशीट को चुनौती दी। हाई कोर्ट ने इनकी याचिका खारिज करते हुए उन्हें सरेंडर करने के लिए कहा, फिर इन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान अंतरिम प्रोटेक्शन दिया था। मंगलवार को सुनवाई के दौरान सीबीआई ने इनकी अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि इन्हें ट्रायल कोर्ट के सामने याचिका दायर करना चाहिए। इस मामले में जो 4 अन्य याचिकाकर्ता जेल में है और एक फरार है उनकी जमानत अर्जी पर अगले मंगलवार को सुनवाई होगी।
आरोपियों में मेडिसिन सप्लायर और डॉक्टर शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अपने आदेश में कहा कि आरोपियों पर जितनी रकम की अनियमितता के आरोप लगे हैं, वह रकम स्पेशल कोर्ट के सामने जमा करें। हालांकि, इनमें से कई पहले ही अंतरिम प्रोटेक्शन के वक्त रकम जमा कर चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरोपी जमानत के दौरान अपने पासपोर्ट स्पेशल कोर्ट में जमा करें, साथ ही वो ये सबूतों को प्रभावित नहीं करेंगे।
अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि आरोपियों द्वारा जमा की गई रकम हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर डिपार्टमेंट को ट्रांसफर किया जाए, ताकि रकम का इस्तेमाल एनआरएचएम में हो सके। गौरतलब है कि यूपी के एनआरएचएम घोटाला में कथित तौर पर हजारों करोड़ रुपये का गबन हुआ है। मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर करीब 50 आरोपियों ने जमानत की मांग की।
इनमें से 4 आरोपी जेल में बंद हैं, जबकि एक फरार है और बाकी के खिलाफ निचली अदालत ने वारंट जारी किया था। इन तमाम आरोपियों के खिलाफ सीबीआई ने पीसी एक्ट और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल की थी। सीबीआई ने एनआरएचएम घोटाला मामले में कुल 76 केस दर्ज किए थे और इनमें 56 मामलों में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है।
चार्जशीट के बाद सीबीआई के स्पेशल कोर्ट ने इनके नाम समन और वारंट जारी किए। जिसके बाद आरोपियों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और सीबीआई के स्पेशल कोर्ट के जूरिडिक्शन को चुनौती दी साथ ही गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की इसके अलावा चार्जशीट को चुनौती दी। हाई कोर्ट ने इनकी याचिका खारिज करते हुए उन्हें सरेंडर करने के लिए कहा, फिर इन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान अंतरिम प्रोटेक्शन दिया था। मंगलवार को सुनवाई के दौरान सीबीआई ने इनकी अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि इन्हें ट्रायल कोर्ट के सामने याचिका दायर करना चाहिए। इस मामले में जो 4 अन्य याचिकाकर्ता जेल में है और एक फरार है उनकी जमानत अर्जी पर अगले मंगलवार को सुनवाई होगी।
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