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एयरसेल−मैक्सिस डील में चिदंबरम का नाम उछाले जाने के बाद सरकार एक बार फिर उनके बचाव में उतर आई है।
दरअसल, जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रह्मण्यम स्वामी ने चिदंबरम पर इस डील में जान बूझकर देरी करने का आरोप लगाया था। आज अंग्रेजी अखबार पॉयनियर में छपी खबर के मुताबिक डील को अक्टूबर 2006 में मंजूरी मिली जबकि वित्तमंत्रालय ने जारी प्रेस रिलीज में चिदंबरम का बचाव करते हुए कहा गया था कि मार्च 2006 में ही डील को मंजूरी दे दी गई थी।
हंगामे पर सरकार ने सफाई दी है। कांग्रेस के नेता राजीव शुक्ला ने साफ किया कि अंग्रेजी अखबार में छपी खबर पूरी तरह से बेबुनियाद है और सरकार वित्त मंत्रालय की प्रेस रिलीज पर कायम है। अखबार ने छापा है कि वित्त मंत्रालय से जारी प्रेस रिलीज में डील के समय को छह महीने पहले का बताया गया जिससे चिदंबरम को बचाया जा सके। इधर, बीजेपी ने इस मसले पर सरकार को घेरते हुए मांग की सरकार यह बताए कि इस छह महीने के अंदर इस कंपनी के शेयर किन लोगों को ट्रांसफर किए गए।
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Uproar On Aircel Maxis Deal, एयरसेल-मैक्सिस डील पर हंगामा, Chidambaram On Aircel Maxis Deal, एयरसेल-मैक्सिस डील पर चिदंबरम