उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार, राज्य भर में खेतों में खड़ी फसलों को नष्ट करने वाले आवारा पशुओं की एक गंभीर समस्या से जूझ रही है. इसको लेकर राज्य के किसान भी परेशान हैं. इसके निपटने के लिए योगी सरकार नई योजना के साथ आई है, साथ ही कहा गया है कि इस योजना से रोजगार भी पैदा होगा. राज्य सरकार मुख्यमंत्री बेसहारा गऊ-वंश सहभागिता योजना को मंजूरी दे दी है.
योजना के पहले चरण के तहत वर्तमान में सरकार द्वारा संचालित गऊशालाओं में एक लाख से अधिक मवेशियों को इच्छुक किसानों या अन्य लोगों को उचित प्रक्रिया के बाद उनकी देखभाल करने के लिए सौंप दिया जाएगा. जो व्यक्ति इनकी देखभाल करेगा, उन्हें प्रति पशु 30 रुपये रोजना मिलेंगे. इसके तहत हर महीने उनके बैंक अकाउंट में 900 रुपये ट्रांसफर कर दिए जाएंगे.
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एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक यूपी सरकार ने स्वीकार किया कि सरकार द्वारा संचालित आश्रयों में आवारा पशुओं को रखना एक सिरदर्द साबित हो रहा है. सरकार ने कहा कि 2012 की जनगणना के अनुसार राज्य में 205.66 लाख मवेशी हैं, जिनमें से यूपी में लगभग 10-12 लाख अनुमानित आवारा पशु हैं. साथ ही सरकार का कहना है कि वर्तमान में राज्य में 523 पंजीकृत गौशालाएं या गौ आश्रय हैं और कुछ बनाए भी जा रहे हैं.
इस नई योजना के पहले चरण में 109 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. प्रेस विज्ञप्ति में सरकार ने दावा किया है कि इस योजना से आवारा पशुओं की समस्या का समाधान होगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.
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