यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) को लेकर सियासी दलों ने गणित बैठानी शुरू कर दी है. सभी राजनीतिक दल दांव-पेंच में जुट गए हैं. उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी (BJP) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के चेहरे और विकास कार्यों के दम पर चुनाव अखाड़े में दो-दो हाथ करती नजर आएगी. बीजेपी ने विधानसभा चुनाव 2017 में किसी भी नेता को पार्टी का चेहरा घोषित नहीं किया था, लेकिन इस बार योगी पूरी पार्टी के लिए सर्वमान्य चेहरा हैं.
2017 विधानसभा चुनाव में बंपर जीत के बाद बीजेपी ने गोरखपुर से सांसद रहे और गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया. योगी के सामने इस बार खुद को साबित चुनौती होगी. आइए जानते हैं गोरक्षपीठ से मुख्यमंत्री तक का योगी आदित्यनाथ का सफर...
उत्तराखंड के पौड़ी जिले स्थित यमकेश्वर तहसील के पंचूर गांव के राजपूत परिवार में साल 1972 में योगी आदित्यनाथ (अजय सिंह बिष्ट) का जन्म हुआ. उन्होंने टिहरी के स्थानीय स्कूल से पढ़ाई की और दसवीं की परीक्षा पास की. ऋषिकेश के भरत मंदिर इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की. ग्रेजुएशन की पढ़ाई करते हुए वह एबीवीपी से जुड़े. 1993 में एमएससी की पढ़ाई के दौरान आदित्यनाथ गुरु गोरखनाथ पर रिसर्च करने गोरखपुर आए. यहां गोरक्षनाथ पीठ के महंत अवैद्यनाथ की नजर उन पर पड़ी.
आदित्यनाथ 1994 में सांसारिक मोहमाया त्यागकर पूर्ण संन्यासी बन गए, जिसके बाद उनका नाम अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यानाथ हो गया. 1998 में योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से चुनाव लड़े और जीत गए. तब उनकी उम्र महज 26 साल थी. योगी ने अप्रैल 2002 में हिन्दू युवा वाहिनी की स्थापना की. योगी के गोरखपुर सीट पर जीत का सिलसिला जारी रहा है. साल 2014 में वह 5वीं बार इसी सीट से संसद पहुंचे. साल 2014 में गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ की मौत के बाद वे यहां के महंत यानी पीठाधीश्वर चुन लिए गए.
साल 2014 के आम चुनाव में प्रचंड जीत के बाद बीजेपी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 पर फोकस किया. योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा चुनाव के वक्त पार्टी के लिए प्रचार किया. 2017 चुनाव में बीजेपी को बंपर जीत मिली और पार्टी ने अकेले 300 से ज्यादा सीटें जीतीं.
यूपी के मुख्यमंत्री पद के लिए कई दावेदारों का नाम उछला. सब अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने योगी के नाम पर मुहर लगाकर सभी को चौंका दिया. 20 मार्च 2017 को योगी ने राज्य के मुख्यंमत्री के रूप में शपथ ली.
अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव मुख्यंमत्री योगी आदित्यनाथ के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है क्योंकि उन्हें पार्टी नेतृत्व द्वारा जताए गए भरोसे को कायम रखना है. 2024 में होने वाले आम चुनाव के लिहाज से बीजेपी किसी भी सूरत में 80 सांसद देने वाले सूबे को अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहती है.योगी आदित्यनाथ बीजेपी के फायरब्रांड नेताओं में गिने जाते हैं और वोटरों के बीच उनकी अलग पहचान है.
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