विज्ञापन
This Article is From Apr 02, 2018

रिटायरमेंट से एक दिन पहले हेडमास्‍टर ने की स्‍कूल में आग लगाकर आत्महत्या, पढ़ें क्‍या थी वजह

उत्तर-प्रदेश में एक बुजुर्ग हेडमास्‍टर ने सेवानिवृत होने से एक दिन पूर्व शनिवार को मुख्यमंत्री के नाम ब्लैक बोर्ड में सुसाइड नोट लिखकर विद्यालय कक्ष में ही आग लगाकर आत्महत्या कर ली. 

रिटायरमेंट से एक दिन पहले हेडमास्‍टर ने की स्‍कूल में आग लगाकर आत्महत्या, पढ़ें क्‍या थी वजह
फाइल फोटो
ललितपुर: उत्तर-प्रदेश में ललितपुर जिले के तालबेहट थाना क्षेत्र में ग्राम प्रधान और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के रिश्वत मांगने और उत्पीड़न से त्रस्त प्राथमिक विद्यालय के एक बुजुर्ग प्रधानाध्यापक (हेडमास्‍टर) ने सेवानिवृत होने से एक दिन पूर्व शनिवार को मुख्यमंत्री के नाम ब्लैक बोर्ड में सुसाइड नोट लिखकर विद्यालय कक्ष में ही आग लगाकर आत्महत्या कर ली. 

हैदराबाद में न्‍यूज एंकर ने की आत्‍महत्‍या, सुसाइड नोट में लिखा- 'मेरा दिमाग ही मेरा दुश्‍मन'

पुलिस अधीक्षक डॉ. ओ.पी. सिंह ने रविवार को बताया, "सेवानिवृत्त होने से एक दिन पूर्व सिरसखेड़ा गांव के प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक ओमप्रकाश पटेरिया ने विद्यालय के ब्लैक बोर्ड में मुख्यमंत्री के नाम सुसाइड नोट लिखकर कक्ष के अंदर ही आग लगा ली. उन्हें गंभीर अवस्था में झांसी रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया." 

एसपी ने बताया, "बुजुर्ग अध्यापक ने अपनी सुसाइड नोट में ग्राम प्रधान मोहन सिंह, अपने एक सहकर्मी और मिड डे मील के प्रभारी कपिल दुबे पर रिश्वत मांगने और न देने पर प्रताड़ित करने के आरोप लगाए हैं. मामले की जांच सीओ और संबंधित थानाध्यक्ष कर रहे हैं. जो जांच में दोषी पाया जाएगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा."

पढ़ाने से रोकने पर टीचर ने छात्राओं के घर में लगाई आग और फिर...

विद्यालय पहुंचे गांव के कुछ ग्रामीण बताते हैं कि आत्मदाह करने वाले बुजुर्ग अध्यापक ने सुसाइड नोट में मुख्यमंत्री से मिड डे मील कार्य से शिक्षकों को मुक्त करने, भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाने के अलावा पदावनति किए गए शिक्षक व शिक्षिकाओं के बारे भी लिखा है. वह मूलरूप से सेमरखेड़ा गांव के निवासी थे.

प्रधानाध्यापक ने कक्षा की ब्लैक बोर्ड पर मौत की वजह लिखी. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक प्रधानाध्यापक ने लिखा, "मेरी मृत्यु के लिए ग्राम प्रधान को जिम्मेदार माना जाए, जो सिर्फ हराम के रुपया चाहता है. मेरा बहुत सा धन एमडीएम खाते में पड़ा है. एमडीएम का जिम्मेदार अधिकारी महाभ्रष्ट है. 17 अगस्त 2016 को 1000 ले गया था तथा 26 दिसंबर 2016 को पुन: एक युवक के साथ आया और रुपया न देने पर गलत रिपोर्टिग करके वेतन रोकवा दिया. एसएमसी के जिम्मेदार प्रधान के कहने पर चलता है. इस कारण आजतक स्वेटर की धनराशि के चेक का भुगतान नहीं हुआ है.

VIDEO: जीएसटी-नोटबंदी से परेशान व्‍यापारी ने की खुदकुशी

अंत में मुख्यमंत्री से प्रार्थना है कि प्रधानाध्यापक को एम डी एम के कार्य से मुक्त करो, विभाग के भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाओ, जिन भाई-बहनों की पदावनति की गई है, यह पूर्णतया गलत है जब उनका प्रमोशन हुआ था, तब प्रमोशन में भी आरक्षण लागू था. ओमप्रकाश पटेरिया प्रधानाध्यापक सेमरखेड़ा.
(इनपुट: एजेंसी)
 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
सीतापुर में भेड़ियों का आतंक, महिला और बच्चों पर किया हमला, दहशत में लोग
रिटायरमेंट से एक दिन पहले हेडमास्‍टर ने की स्‍कूल में आग लगाकर आत्महत्या, पढ़ें क्‍या थी वजह
जनता कब किसका स्टीयरिंग बदल दें...; बुलडोजर, जानवर और उपचुनाव पर अखिलेश यादव
Next Article
जनता कब किसका स्टीयरिंग बदल दें...; बुलडोजर, जानवर और उपचुनाव पर अखिलेश यादव
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com