
सहारनपुर में हिंसा
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महाराणा प्रताप जयंती की शोभा यात्रा के दौरान भड़की हिंसा
पुलिस थाने को भी आग के हवाले किया
योगी आदित्यनाथ ने की अमन की अपील
सहारनपुर में महीने में तीसरी बार हिंसा फूट पड़ी है. शहर के कई इलाकों से पथराव और तोड़फोड़ की खबरें आईं. कुछ दिन पहले दलितों और अगड़ों के टकराव में पुलिस के मूकदर्शक बने रहने से नाराज़गी रही और महाराणा प्रताप जयंती के जुलूस पर विवाद रहा.
यह विवाद महाराणा प्रताप जयंती की शोभा यात्रा को लेकर दलितों में नाराज़गी के बाद टकराव शुरू हुआ. उनकी शिकायत थी कि अप्रैल में उन्हें अंबेडकर जयंती पर ऐसी ही शोभा यात्रा निकालने की इजाज़त नहीं मिली. बीते हफ्ते शोभा यात्रा में लाउड स्पीकर के इस्तेमाल को लेकर दलितों और अगड़े ठाकुरों में हुई झड़प के बाद राज्य के पुलिस प्रमुख ने यहां का दौरा किया. अमन बनाए रखने का वादा किया और लोगों से अपील की कि वह कानून अपने हाथ में न लें. यही बात मेरठ में मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कही. वैसे सहारनपुर में लगातार होती ऐसी झड़पें यूपी सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है. सवाल है, क़ानून-व्यवस्था कब बहाल होगी?
उल्लेखनीय है कि सहारनपुर के ग्राम शब्बीरपुर और सडक दूधली के सम्बध में होने वाली महापंचायत को लेकर जिले के कई इलाकों में पथराव, आगजनी और गोलीबारी हुई और 20 से अधिक वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया. उपद्रवियों द्वारा एक पुलिस चौकी में भी आग लगाने की सूचना है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुभाष चंद दूबे ने बताया कि किसी भी तरह की महापंचायत करने की अनुमति नहीं दी गई थी. भीम आर्मी के पदाधिकारियों ने सहारनपुर के गांधी पार्क में दलित संगठनों से जुड़े लोगों को वहां इकट्ठा कर लिया. इनका आरोप था कि प्रशासन द्वारा शब्बीरपुर के पीड़ितों को न तो मुआवजा दिया गया न ही पीड़ित लोगों के पास कुछ खाने पीने की व्यवस्था है. भीम आर्मी के आह्वान पर जब दलित लोग गांधी पार्क में एकत्र होने लगे तो पुलिस ने इन्हें वहां से खदेड़ दिया जिससे पुलिस और भीम आर्मी के सदस्यों के बीच टकराव हुआ और एक बार वहां भगदड़ का माहौल बन गया.
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