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This Article is From Feb 08, 2022

UP Polls 2022: पहले चरण की 58 सीटों पर प्रचार थमा, गुरुवार को डाले जाएंगे वोट

पहले चरण के अंतर्गत जिन सीटों पर मतदान होना है, वहां किसान आंदोलन का मुद्दा बेहद अहम है.

UP Polls 2022: पहले चरण की 58 सीटों पर प्रचार थमा, गुरुवार को डाले जाएंगे वोट
यूपी विधानसभा चुनाव के पहले चरण के अंतर्गत 10 फरवरी को वोट डाले जाएंगे (प्रतीकात्‍मक फोटो)
लखनऊ:

UP Elections 2022: उत्‍तर प्रदेश विधानसभा की 58 सीटों के लिए चुनाव प्रचार मंगलवार शाम छह बजे थम गया. पहले चरण के तहत पश्चिमी उत्‍तरप्रदेश के 11 जिलों की इन 58 सीटों पर गुरुवार 10 फरवरी को वोट डाले जाएंगे. कोरोना की तीसरी लहर के चलते चुनाव आयोग द्वारा लगाई बंदिशों के चलते प्रचार कार्य काफी प्रभावित रहा. आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्‍य में सात चरणों में वोटिंग होगी. पहले चरण में स्‍थानों पर चुनाव होने हैं, उसमें शामली की तीन, मुजफ्फरनगर की छह, बागपत की तीन, गाजियाबाद की पांच, हापुड़ की तीन, गौतम बुद्ध नगर की तीन, बुलंद शहर, मेरठ और अलीगढ़ की सात-सात, मथुरा की पांच और आगरा की नौ सीटें शामिल हैं. मतदान का समय सुबह 7 बजे से शाम छह बजे तक निर्धारित है और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. कोरोना के खतरे के चलते वोटिंग के दौरान कोविड प्रोटोकॉल के पालन पर भी खास ध्‍यान दिया जाएगा. 

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पहले चरण के अंतर्गत 58 विधानसभा सीटों पर 10 फरवरी को होने वाली वोटिंग के लिए 10766 पोलिंग सेंटर और 25849 पोलिंग स्‍टेशन बनाए गए हैं. पहले चरण में कुल 623 प्रत्‍याशी मैदान में है जिसमें 549 पुरुष, 73 महिला और एक अन्‍य शामिल है. पहले चरण में 22783739 मतदाता वोट डालेंगे जिसमें 12331251 पुरुष, 10451053 महिला और 1435 अन्‍य शामिल हैं. पहले चरण के अंतर्गत जिन सीटों पर मतदान होना है, वहां किसान आंदोलन का मुद्दा अहम है. माना जा रहा है कि किसानों की नाराजगी, सत्‍तारूढ़ बीजेपी के लिए परेशानी का कारण बन सकती है. यूपी चुनावों में वैसे तो बीजेपी, सपा, बसपा, कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी ने भी प्रत्‍याशी उतारे हैं लेकिन मुख्‍य मुकाबला बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच ही होने की संभावना है. 

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अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने जयंत चौधरी के राष्‍ट्रीय लोकदल के साथ गठबंधन किया है जिसका पश्चिमी यूपी में अच्‍छा जनाधार है. ऐसे में बीजेपी के लिए पश्चिमी यूपी में 2017 के चुनावों में जीती सीटों को बरकरार रखना आसान नहीं रहेगा. गन्‍ना किसानों के भुगतान के मसले पर भी बीजेपी के प्रत्‍याशियों को कई स्‍थानों पर विरोध का सामना करना पड़ा है.

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