समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने आज चुनाव आयोग से ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया जिन्होंने कथित तौर पर एक मतदाता को अपना वोट बदलने के लिए मजबूर किया था. यही नहीं अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से मतदान के दौरान सतर्क रहने का आग्रह भी किया.
एक दिव्यांग व्यक्ति ने आरोप लगाया कि रविवार को फतेहाबाद में मतदान के दौरान उन्हें बीजेपी को वोट देने के लिए मजबूर किया गया, लेकिन वह दूसरी पार्टी को वोट देना चाहता था. बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव के लिए रविवार को आगरा में दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिक मतदाताओं के लिए मतदान की प्रक्रिया पोस्टल बैलेट पेपर के जरिए हुई. मामला उसी समय का बताया जा रहा है.
कथित तौर पर जबरन मतदान के आरोपों को लेकर स्थानीय लोगों के विरोध के बाद पुलिस और स्थानीय अधिकारियों को बुलाया गया था. अखिलेश यादव द्वारा ट्वीट किए गए एक वीडियो में सब डिविजनल मजिस्ट्रेट को मतदाताओं को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि एक वोट से कोई फर्क नहीं पड़ता. अखिलेश यादव ने इसे गंभीर मामला बताया है और चुनाव आयोग से ऐसे अधिकारियों की पहचान करने और उन्हें तुरंत निलंबित करने का आग्रह किया है.
बैलेट से वोट डलवाने में धांधली के मामले में एक प्रशासनिक अधिकारी का सरेआम ये कहना कि “एक वोट से कुछ होता है क्या” बेहद गंभीर मामला है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 7, 2022
चुनाव आयोग से अपेक्षा है कि ऐसे अधिकारियों को चिन्हित कर के तुरंत सस्पेंड किया जाए। pic.twitter.com/2Rd136ePiH
अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि बैलेट से वोट डलवाने में धांधली के मामले में एक प्रशासनिक अधिकारी का सरेआम ये कहना कि “एक वोट से कुछ होता है क्या” बेहद गंभीर मामला है. चुनाव आयोग से अपेक्षा है कि ऐसे अधिकारियों को चिन्हित कर के तुरंत सस्पेंड किया जाए. गौरतलब है कि यूपी में सात चरणों में मतदान होना है. राज्य में पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को होगा. परिणाम 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे.
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