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This Article is From Dec 11, 2020

शादी की जगह से दूल्हे-दुल्हन को उठा ले गई UP पुलिस, मुस्लिम होने का दिया सबूत तब छोड़ा

लव जिहाद के शक पर मुस्लिम जोड़े का निकाह रोके जाने के दो दिन बाद कुशीनगर पुलिस ने कहा है कि मामले में किसी तरह से मानवाधिकारों का उल्लंघन नहीं किया गया बल्कि जांच कर मामले को सत्यापित किया गया.

शादी की जगह से दूल्हे-दुल्हन को उठा ले गई UP पुलिस, मुस्लिम होने का दिया सबूत तब छोड़ा
कुशीनगर में पुलिस ने 39 वर्षीय एक व्यक्ति और 28 वर्षीय एक महिला (दोनों मुस्लिमों) को शादी करने से रोक दिया और उन्हें एक पुलिस स्टेशन ले गई जहां उनसे कथित तौर पर शादी की सारी रात पूछताछ की गई.
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
लव जिहाद के शक में यूपी पुलिस ने मुस्लिम जोड़े को निकाह करते उठाया
रात भर थाने में रख की पूछताछ, मुस्लिम होने के सबूत देखने पर ही छोड़ा
हिन्दुत्व संगठन ने लव जिहाद का आरोप लगा जबरन धर्मातरण की दी थी खबर
लखनऊ:

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कुशीनगर में पुलिस एक मुस्लिम जोड़े को शादी स्थल से उठा ले गई और उसे रात भर थाने में बैठाए रखा, पुलिस ने दोनों लोगों से शादी की रात थाने में घंटों पूछताछ की. जब दोनों ने उन्हें अपने मुसलमान होने का सबूत दिया तब उनका निकाह हो सका. दरअसल, पुलिस को लव जिहाद (Love Jihad) के तहत धर्मांतरण कर जबरन शादी कराने की शिकायत मिली थी. जिस पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए ये कदम उठाया.

निकाह रोके जाने के दो दिन बाद यूपी पुलिस (UP Police) ने कहा है कि उसकी तरफ से किसी भी तरह के मानवाधिकार का उल्लंघन नहीं किया गया है. पुलिस ने दलील दी कि उन्होंने कोई कानून नहीं तोड़ा और केवल राज्य के नए कड़े गैरकानूनी धर्मांतरण कानून के तहत एक आपराधिक मामले में जांच कर उसे सत्यापित किया है.

मंगलवार की शाम, राज्य की राजधानी लखनऊ से 325 किलोमीटर दूर कुशीनगर में पुलिस ने 39 वर्षीय एक व्यक्ति और 28 वर्षीय एक महिला (दोनों मुस्लिमों) को शादी करने से रोक दिया और उन्हें एक पुलिस स्टेशन ले गई जहां उनसे कथित तौर पर शादी की सारी रात पूछताछ की गई.

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कुशीनगर के पुलिस कप्तान विनोद कुमार सिंह ने कहा, "गांव के एक व्यक्ति ने हमें सूचित किया था कि एक महिला की गांव में जबरन शादी कराई जा रही है और वह हिंदू है और दूसरा पक्ष मुस्लिम है. पुलिस तुरंत मौके पर गई और सभी को पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन ले आई. जांच में हमें पता चला कि महिला पड़ोसी आजमगढ़ जिले की थी और वह भी मुस्लिम थी और वह आदमी उससे शादी कर रहा था. जब हमें पूरी जानकारी मिल गई, तो हमने महिला के परिवार से संपर्क किया और उन्हें उनके हवाले कर दिया. महिला के बारे में एक गुमशुदगी की रिपोर्ट पहले दायर की गई थी."

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रिपोर्ट में कहा गया है कि महिला को बुधवार की सुबह थाने से छोड़ा गया. मुस्लिम शख्स पर थाने के भीतर हमले के आरोप पर पुलिस ने ट्विटर पर एक बयान भी जारी किया और उसे निराधार बताया. पुलिस ने कहा, "आरोप झूठे हैं. शिकायत मिलने पर, आरोपियों को पुलिस द्वारा पुलिस स्टेशन लाया गया था, जहां लापता लड़की के बारे में संबंधित जिले आज़मगढ़ में जानकारी दी गई और उसे उसके परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया. इस केस में किसी तरह मानव अधिकारों का उल्लंघन नहीं हुआ." 

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