यादव सिंह
नई दिल्ली:
यूपी की अखिलेश सरकार नोएडा के चीफ इंजीनियर यादव सिंह के पक्ष में खड़ी हो गई है। यादव सिंह के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश को यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यादव सिंह के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। इस फैसले को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। यादव सिंह के खिलाफ सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर छापेमारी शुरू की है। यूपी सरकार की ओर से कहा गया है कि इस मामले में जांच सीबीआई के हवाले किए जाने के वक्त यूपी सरकार से सिफारिश नहीं मांगी गई। फेडरल सिस्टम में राज्य सरकार की संस्तुति जरूरी थी, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया।
याचिकाकर्ता ने इस मामले में केंद्र सरकार के दो पत्रों का हवाला दिया और इसी आधार पर हाई कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई के हवाले कर दी। इनकम टैक्स विभाग के दो पत्रों का हवाला दिया गया, जिसमें कहा गया है कि यादव सिंह ने अनियमितताएं की हैं। पत्र हाई कोर्ट के सामने पेश किया गया लेकिन यूपी सरकार से इस मामले में राय नहीं ली गई। इस मामले में पहले से न्यायिक जांच चल रही थी।
गौरतलब है कि 16 जुलाई को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने मामले की जांच सीबीआई से कराने का निर्देश दिया था। इस मामले में याचिकाकर्ता नूतन ठाकुर ने हाई कोर्ट में पीआईएल दाखिल की थी। उनका आरोप है कि यादव सिंह के खिलाफ एसआईटी की जांच चल रही है साथ ही इनकम टैक्स विभाग की भी जांच चल रही है। यादव सिंह के नाम पर काफी ज्यादा संपत्ति है और ऐसे में मामले की जांच सीबीआई से करानी चाहिए। इस पर हाई कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दे दिए। इस फैसले के खिलाफ यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यादव सिंह के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। इस फैसले को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। यादव सिंह के खिलाफ सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर छापेमारी शुरू की है। यूपी सरकार की ओर से कहा गया है कि इस मामले में जांच सीबीआई के हवाले किए जाने के वक्त यूपी सरकार से सिफारिश नहीं मांगी गई। फेडरल सिस्टम में राज्य सरकार की संस्तुति जरूरी थी, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया।
याचिकाकर्ता ने इस मामले में केंद्र सरकार के दो पत्रों का हवाला दिया और इसी आधार पर हाई कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई के हवाले कर दी। इनकम टैक्स विभाग के दो पत्रों का हवाला दिया गया, जिसमें कहा गया है कि यादव सिंह ने अनियमितताएं की हैं। पत्र हाई कोर्ट के सामने पेश किया गया लेकिन यूपी सरकार से इस मामले में राय नहीं ली गई। इस मामले में पहले से न्यायिक जांच चल रही थी।
गौरतलब है कि 16 जुलाई को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने मामले की जांच सीबीआई से कराने का निर्देश दिया था। इस मामले में याचिकाकर्ता नूतन ठाकुर ने हाई कोर्ट में पीआईएल दाखिल की थी। उनका आरोप है कि यादव सिंह के खिलाफ एसआईटी की जांच चल रही है साथ ही इनकम टैक्स विभाग की भी जांच चल रही है। यादव सिंह के नाम पर काफी ज्यादा संपत्ति है और ऐसे में मामले की जांच सीबीआई से करानी चाहिए। इस पर हाई कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दे दिए। इस फैसले के खिलाफ यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
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