उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में एक 22 साल के लड़के को कथित तौर पर उस लड़की के घरवालों ने पेड़ से बांध कर जिंदा जला दिया, जिससे वो मोहब्बत करता था. इस आरोप में लड़की के पिता और भाई गिरफ्तार कर लिए गए हैं. लड़के का नाम अम्बिका पटेल है. गांव की ही एक लड़की से अम्बिका का मोहब्बत का रिश्ता था, लेकिन इसी बीच लड़की की यूपी पुलिस में नौकरी लग गयी. कुछ पुलिस के लोगों का कहना है कि इसके बाद उसने अम्बिका से दूरी बनानी शुरू कर दी, लेकिन लड़का अपने रिश्ते को भूल नहीं पा रहा था. वो उससे पहले जैसे ही रिश्ते चाहता था. गांव के लोग कहते हैं कि लड़की के घरवाले भी नहीं चाहते थे कि उनकी सिपाही लड़की एक बेरोज़गार लड़के से रिश्ता रखे.
इन सब वजहों से जब लड़की ने लड़के से मिलना बंद कर दिया, तब लड़के ने अपने फेसबुक पे लड़की के साथ अपनी एक ऐसी फोटो पोस्ट की जिसमें बीमार लड़की का सिर वो अपनी गोद में रखकर, उसका सिर दबा रहा है. साथ में लड़की की तरफ से उसपर लिखा भी था कि "जब मैं बीमार होती थी तो अम्बिका मेरा सिर दबाता था.''
शायद लड़का यह बताना चाहता होगा कि सबको पता चल जाये कि वो लड़की के पीछे नहीं पड़ा है बल्कि उनकी आपस में मोहब्बत है. फेसबुक पर फोटो पोस्ट होने के बाद लड़की की तरफ से अम्बिका के खिलाफ लड़की से छेड़छाड़ करने की एफआईआर दर्ज कर दी गयी, जिसमें अम्बिका को जेल हो गयी. लेकिन जेल में कोरोना फैलने के अंदेशे में जब अदालत के आदेश पर कैदियों को परोल पे छोड़ा जाने लगा तो अम्बिका भी छूट के गांव आ गया.
सोमवार की रात 8 बजे उसे गांव में ही एक पेड़ से बांध के जिंदा जला दिया गया. उसे जलाने का आरोप लड़की के पिता हरिशंकर और उसके दो चचेरे भाइयों शुभम और राममिलन पर है. इनके खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर इनमें से हरिशंकर और राममिलन को गिरफ्तार कर लिया है. इस तरह एक लड़का जो जेल से इसलिए छोड़ा गया कि वहां कोरोना से उसकी मौत न हो वो अपने गांव में जिंदा जला के मार डाला गया.
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