
वाराणमी में स्वाभिमान रैली में अमित शाह, अपना दल की सांसद अनुप्रिया पटेल और अन्य नेता।
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वाराणसी में जन स्वाभिमान रैली में शामिल हुए अमित शाह
अपना दल के संस्थापक सोनेलाल पटेल के जन्मदिन पर हुआ आयोजन
अपना दल में दरार, एकजुट करने की कोशिश
प्रदेश में सबसे बड़ा गठबंधन है भाजपा-अपना दल
अपना दल की सांसद अनुप्रिया पटेल को मंच पर तलवार भेंट की गई तो उन्होंने उसे म्यान से निकालकर लड़ाई का यलगार किया। यह यलगार इसलिए भी क्योंकि मौका अपना दल के संस्थापक सोने लाल पटेल के 67 वें जन्मदिन का था पर निशाना उत्तर प्रदेश में होने वाले 2017 का चुनाव रहा। इसी कारण अपना दल की राजकुमारी ने मंच से तलवार दिखाकर बड़े युद्ध के लिए हुंकार भरी। जब वह बोलने आईं तो दो फाड़ में बंट चुकी अपनी पार्टी की सेना को भाजपा से गठबंधन और जीत का मतलब समझाते हुए एकजुट होने के लिए ललकारा। उन्होंने कहा कि "अपना दल और भारतीय जनता पार्टी का गठबंधन उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा गठबंधन, सबसे बड़े विकल्प के रूप में आया है। आपको इस मिशन को ताकत देना होगी। अपने वोट की कीमत पहचानो, इससे आप अपना सम्मान पा सकते हो।'

अमित शाह ने राहुल, मायावती और अखिलेश पर साधा निशाना
बारिश के बीच जुटी इस जन स्वाभिमान रैली की बड़ी भीड़ में भाजपा के सेनापति अमित शाह भी पूरे रौ में दिखे। उन्हें गदा भेंट किया गया तो उन्होंने भी उसे उसी अंदाज़ में उसे भांजा और फिर बोलते वक्त पहला हमला राहुल गांधी पर किया। इसके बाद निशाने पर मायावती आईं जिसके लिए भविष्यवाणी की कि चुनाव आते-आते वे अकेली रह जाएंगी, सब उनकी पार्टी छोड़ देंगे। फिर अखिलेश सरकार पर उनका कहर टूटा। इस पर कैसे विजय पाई जाए, इसे उदाहरण देकर उन्होंने समझाया कि "विकास का जो बिजली का कारखाना है, जो नरेंद्र भाई ने चलाया है। लेकिन लखनऊ में एक ट्रांसफार्मर है जो नहीं पहुंचा रहा है। यह ट्रांसफार्मर जल गया है, तो जले हुए ट्रांसफार्मर को उखाड़ फेंक देते हैं।

निर्णायक हो सकते हैं पूर्वांचल में पिछड़ी जातियों के वोट
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में कुर्मियों के 8 % वोट हैं। अगर इसमें कोईरी, काछी, कुशवाहा जैसी जातियां और जोड़ दें तो पूर्वांचल के बनारस, चंदौली, मिर्ज़ापुर, सोनभद्र, इलाहाबाद, कानपुर, कानपुर देहात की सीटों पर यह वोट बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं। इसीलिए 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने गठबंधन किया था जिसका असर भी दिखा और भाजपा ने 73 सीटें जीतीं। अब एक बार फिर उसी समीकरण को भाजपा नई धार के साथ अपनाना चाहती है, पर इसमें एक पेंच भी है कि अपना दल दो भागों में बंट गया है।

ऐसे में उत्तर प्रदेश के चुनाव के लिए अपना दल के जरिए जनता को अपना बनाने के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित साह ने आज हुंकार भरी। बड़ा सवाल यह है कि अपना दल दो फाड़ हो चुका है। ऐसे में चुनावी भंवर को पार लगाने में यह पतवार कितनी कामयाब हो पाएगी यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
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