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This Article is From Feb 19, 2020

CAA प्रदर्शनकारियों की मौत पर बोले CM योगी- 'अगर कोई मरने के लिए आ रहा है तो...'

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, यदि कोई लोगों को निशाना बनाने के इरादे से सड़क पर उतरता है तो या तो वह मरता है या फिर पुलिसकर्मी मरता है.

CAA प्रदर्शनकारियों की मौत पर बोले CM योगी- 'अगर कोई मरने के लिए आ रहा है तो...'
उत्तर प्रदेश विधानसभा में बोलते सीएम योगी आदित्यनाथ
लखनऊ:

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों पर उत्तर प्रदेश (UP) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान से विवाद खड़ा हो गया है. हिंसा के दौरान मारे गए लोगों पर योगी ने कहा, "अगर कोई मरने के लिए आ ही रहा है तो वो जिंदा कहां से हो जाएगा." सीएए के विरोध में दिसंबर में राज्यभर में प्रदर्शन हुए थे. इस दौरान, कुछ जगहों पर हिंसा भी हुई. यूपी सरकार ने कहा था कि सीएए के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन में 22 लोगों की मौत हुई थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य विधानसभा को संबोधित करते हुए कहा, "पुलिस की गोली से कोई नहीं मारा गया. मरने वाले सभी लोग दंगाइयों की गोली से मारे गए हैं. यदि कोई लोगों को निशाना बनाने के इरादे से सड़क पर उतरता है तो या तो वह मरता है या फिर पुलिसकर्मी मरता है."

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सीएम ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर भी निशाना साधा है. गौरतलब है कि सीएए को लेकर यूपी में लखनऊ, कानपुर और प्रयागराज में लगातार प्रदर्शन जारी है. सीएम योगी ने कहा, "आजादी के नारे लगाए जा रहे हैं. क्या है आजादी? क्या हमें जिन्ना के सपनों की दिशा में काम करना है या फिर गांधी के सपनों की दिशा में काम करना है? दिसंबर में हुई हिंसा के बाद पुलिस के काम के लिए उसकी तारीफ की जानी चाहिए. राज्य में दंगे नहीं हुए."

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि उनकी सरकार प्रदर्शनकारियों के खिलाफ नहीं है लेकिन हिंसा में लिप्त लोगों पर सख्ती बरती जाएगी. उन्होंने कहा, "मुझे आश्चर्य है... मैंने हमेशा कहा कि हम किसी भी तरह के लोकतांत्रिक प्रदर्शन का समर्थन करेंगे लेकिन यदि कोई लोकतंत्र की आड़ में माहौल खराब करता है. हिंसा करता है... वो जिस भाषा में समझेगा, उसे भाषा में समझाएंगे."

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यूपी सरकार ने सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष कहा था कि सीएए के विरोध में प्रदर्शन के दौरान राज्य में कुल 22 लोगों की मौत हुई थी. इसके अलावा दंगे और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए 883 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई है, जिसमें से 561 लोगों को जमानत मिल गई है.

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