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This Article is From Jun 27, 2016

अखिलेश मंत्रिमंडल के सातवें विस्तार में कैसे-कैसे मंत्री बने...

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अखिलेश मंत्रिमंडल के सातवें विस्तार में कैसे-कैसे मंत्री बने...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव मंत्रिमंडल के सातवें विस्तार में जो पांच मंत्री बने हैं, उनमें से दो को अखिलेश यादव ने खुद बर्खास्त किया था। एक को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। एक मंत्री के अवैध निर्माण को गिराने के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण ने नोटिस दे रखा है और एक अपनी ही सरकार की खुलेआम आलोचना करते रहे हैं। जानिए इनमें से कौन क्या करता रहा है-

बलराम यादव
सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के पुराने साथी और वफादार हैं। आजमगढ़ से एमएलसी हैं। इसके पहले भी मुलायम की सरकारों में मंत्री रह चुके हैं। बलराम कभी चंद्रशेखर का साथ छोड़कर मुलायम सिंह यादव के साथ आए थे। कहते हैं कि अखिलेश यादव की पहली राजनीतिक जनसभा इन्होंने ही आजमगढ़ में करवाई थी। मुलायम सिंह को आजमगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़वाने में भी इनका रोल माना जाता है।

नारद राय
ये बलिया सदर से दो बार के एमएलए हैं। अखिलेश सरकार में इसके पहले भी मंत्री बनाए गए थे, लेकिन बाद में हटा दिए गए थे। पद से हटाने की वजह बलिया नगरपालिका में एक टेंडर का विवाद था, जिसमें इनके बेटे पर मारपीट का आरोप है। पूर्वांचल के नेता और मंत्री रामगोविंद चौधरी इनकी पैरवी कर रहे थे।

जियाउद्दीन रिजवी
बलिया की सिकंदरपुर विधानसभा सीट से दूसरी बार एमएलए बने हैं। पिछले दिनों अनुशासनहीनता के एक मामले में अखिलेश यादव ने इन्हें कारण बताओ नोटिस दे दिया था। ये किस्मत से मंत्री बन गए हैं। कौमी एकता दल से विलय तोड़ने के बाद समाजवादी पार्टी को यह अंदेशा हुआ कि कहीं पूर्वांचल में कुछ मुस्लिम नाराज न हो जाएं, इसलिए इन्हें मंत्री बना दिया गया है। ये उमरा करने सउदी अरब गए हुए हैं। इनकी शपथ बाद में होगी।

रविदास मेहरोत्रा
लखनऊ सेंट्रल से एमएलए हैं। इससे पहले 1989 में विधायक बने थे। ये जनता के मुद्दे उठाने में अबतक 246 बार जेल जा चुके हैं, जो एक रिकॉर्ड है। वो लगातार सरकार की आलोचना करते रहे हैं। विधानसभा सदन में ये सरकार के खिलाफ सवाल पूछते थे, जिससे विपक्ष इनकी तारीफ करता था। कुछ ऐसी भी चर्चा थी कि ये बीजेपी में भी जाने की कोशिश कर सकते हैं। मुलायम की छोटी बहू अपर्णा यादव लखनऊ कैंट से चुनाव लड़ने वाली हैं। रविदास का क्षेत्र उससे सटा हुआ है। कहते हैं कि इन्हें मंत्री इसलिए बनाया गया है कि बहू के चुनाव क्षेत्र के आसपास धरना प्रदर्शन वगैरह करने से उनके चुनाव में असर पड़ेगा।

शारदा प्रताप शुक्ला
लखनऊ की सरोजिनी नगर सीट से ये एमएलए हैं। इससे पहले 1985 और 1989 में भी एमएलए रह चुके हैं। इनके ऊपर अवैध निर्माण कराने के आरोप हैं। इनके क्षेत्र में इनकी एक शॉपिंग कॉम्पलैक्स को गिराने का नोटिस भी लखनऊ विकास प्राधिकार दे चुका है। इनका विधानसभा क्षेत्र भी मुलायम की बहू के क्षेत्र से सटा हुआ है। मुलायम की बहू के विधानसभा क्षेत्र में ब्राह्मण काफी तादाद में है। शारदा शुक्ला भी ब्राह्मण हैं। समझा जाता है कि इन्हें मंत्री बनाने से मुलायम की बहू के क्षेत्र में ब्राह्मण वोट पर अच्छा असर होगा।

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