नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश में भाजपा के मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान आज (यानी शनिवार) शाम को होने वाला है. केंद्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा का नाम सबसे आगे है. माना जा रहा है कि उनके मंत्रीमंडल में इन चेहरों को मौका मिल सकता है.
इसी बीच केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि उत्तर प्रदेश में नई भाजपा सरकार राज्य के किसानों का कर्ज माफ करेगी और कर्ज माफी का बोझ केंद्र सरकार उठाएगी. उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश के लिए हमने कहा था कि अगर हम राज्य में सरकार बनाते हैं तो हम किसानों का कर्ज माफ करेंगे. यह लागत केंद्र सरकार के खजाने से वहन की जाएगी." सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में वादे के मुताबिक कर्ज माफी की प्रक्रिया शुरू हो गई है. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 मार्च को जौनपुर रैली के दौरान कहा था कि होली के बाद नई सरकार बनेगी और सकरार बनने के बाद उसकी पहली मीटिंग होगी और उसमें मैं यूपी के सांसद के नाते आप लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि किसानों के कर्ज को माफ करने का निर्णय ले लिया जाएगा. इस तरह से प्रधानमंत्री मोदी के वादे को पूरा करने की कवायद शुरू हो गई है.
हालांकि बैंक कर्ज माफी के खिलाफ हैं. बीते बुधवार को ही एसबीआई प्रमुख अरंधति भट्टाचार्य ने कहा था, "हमें लगता है कि कृषि कर्ज माफी के मामले में बैंक और कर्जदाता के बीच अनुशासन बिगड़ता है क्योंकि जिन लोगों का कर्ज माफ किया जाता है वे भविष्य में भी कर्ज माफ होने की उम्मीद रखते हैं. भविष्य में भी ऐसे कर्ज नहीं चुकाए जाते."
पंजाब के किसानों के भी अच्छे दिन आएंगे
पंजाब के किसानों के भी अच्छे दिन आ सकते हैं. सूबे के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चुनावी रैलियों कहा था कि सभी किसानों के कर्ज़ छह महीने के भीतर माफ किए जाएंगे. कांग्रेस ने उन किसान परिवारों को दस लाख मुआवज़ा देने का ऐलान किया है जहां किसी ने आत्महत्या की है. ऐसे में हो सकता है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार भी पहली बैठक में किसानों का कर्ज़ा माफ करे.
इन राज्यों में उठी कर्ज माफी की मांग
अगर उत्तर प्रदेश में कर्ज माफी हुई तो निश्चित है कि आगामी दिनों अन्य राज्यों में मांग उठना तय है. कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात और पंजाब में किसानों की आत्महत्या का सिलसिला रुक नहीं रहा है.
केंद्र में विपक्ष ने उठाई पूरे देश को कर्ज माफी देने की मांग
शुक्रवार को लोकसभा में किसान कर्ज माफी की बहस में शामिल होते हुए कांग्रेस के नेता मल्लिकाजरुन खड़गे ने भी कहा था, ‘‘चूंकि यह मोदी सरकार है, इसलिए मोदी को पूरे देश में इसे लागू करना चाहिए.’’ इस पर लोकसभा उपाध्यक्ष एम तंबिदुरै ने कहा था, ‘‘मोदी प्रधानमंत्री हैं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री नहीं हैं. जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकारें हैं, वहां केंद्र इसे कैसे कर सकता है.’’ विपक्ष का जोर पूरे देश में किसानों का कृषि ऋण माफ करवाने पर है.
फडणवीस की 'न'
उधर, महाराष्ट्र के किसानों को भी कर्जमाफी दिलाने की मांग कर रहे विपक्ष को राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दो टूक सुना दिया है कि कर्ज़माफ़ी देंगे तो विकास कार्यों के लिए पैसा नहीं बचेगा. अकेले राज्य की इतनी क्षमता भी नहीं है. राजधानी मुंबई में महाराष्ट्र विधानमंडल का बजट सत्र चल रहा है. कर्जमाफी की मांग को लेकर विपक्ष आक्रामक हो चुका है.
इसी बीच केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि उत्तर प्रदेश में नई भाजपा सरकार राज्य के किसानों का कर्ज माफ करेगी और कर्ज माफी का बोझ केंद्र सरकार उठाएगी. उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश के लिए हमने कहा था कि अगर हम राज्य में सरकार बनाते हैं तो हम किसानों का कर्ज माफ करेंगे. यह लागत केंद्र सरकार के खजाने से वहन की जाएगी." सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में वादे के मुताबिक कर्ज माफी की प्रक्रिया शुरू हो गई है. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 मार्च को जौनपुर रैली के दौरान कहा था कि होली के बाद नई सरकार बनेगी और सकरार बनने के बाद उसकी पहली मीटिंग होगी और उसमें मैं यूपी के सांसद के नाते आप लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि किसानों के कर्ज को माफ करने का निर्णय ले लिया जाएगा. इस तरह से प्रधानमंत्री मोदी के वादे को पूरा करने की कवायद शुरू हो गई है.
हालांकि बैंक कर्ज माफी के खिलाफ हैं. बीते बुधवार को ही एसबीआई प्रमुख अरंधति भट्टाचार्य ने कहा था, "हमें लगता है कि कृषि कर्ज माफी के मामले में बैंक और कर्जदाता के बीच अनुशासन बिगड़ता है क्योंकि जिन लोगों का कर्ज माफ किया जाता है वे भविष्य में भी कर्ज माफ होने की उम्मीद रखते हैं. भविष्य में भी ऐसे कर्ज नहीं चुकाए जाते."
पंजाब के किसानों के भी अच्छे दिन आएंगे
पंजाब के किसानों के भी अच्छे दिन आ सकते हैं. सूबे के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चुनावी रैलियों कहा था कि सभी किसानों के कर्ज़ छह महीने के भीतर माफ किए जाएंगे. कांग्रेस ने उन किसान परिवारों को दस लाख मुआवज़ा देने का ऐलान किया है जहां किसी ने आत्महत्या की है. ऐसे में हो सकता है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार भी पहली बैठक में किसानों का कर्ज़ा माफ करे.
इन राज्यों में उठी कर्ज माफी की मांग
अगर उत्तर प्रदेश में कर्ज माफी हुई तो निश्चित है कि आगामी दिनों अन्य राज्यों में मांग उठना तय है. कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात और पंजाब में किसानों की आत्महत्या का सिलसिला रुक नहीं रहा है.
केंद्र में विपक्ष ने उठाई पूरे देश को कर्ज माफी देने की मांग
शुक्रवार को लोकसभा में किसान कर्ज माफी की बहस में शामिल होते हुए कांग्रेस के नेता मल्लिकाजरुन खड़गे ने भी कहा था, ‘‘चूंकि यह मोदी सरकार है, इसलिए मोदी को पूरे देश में इसे लागू करना चाहिए.’’ इस पर लोकसभा उपाध्यक्ष एम तंबिदुरै ने कहा था, ‘‘मोदी प्रधानमंत्री हैं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री नहीं हैं. जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकारें हैं, वहां केंद्र इसे कैसे कर सकता है.’’ विपक्ष का जोर पूरे देश में किसानों का कृषि ऋण माफ करवाने पर है.
फडणवीस की 'न'
उधर, महाराष्ट्र के किसानों को भी कर्जमाफी दिलाने की मांग कर रहे विपक्ष को राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दो टूक सुना दिया है कि कर्ज़माफ़ी देंगे तो विकास कार्यों के लिए पैसा नहीं बचेगा. अकेले राज्य की इतनी क्षमता भी नहीं है. राजधानी मुंबई में महाराष्ट्र विधानमंडल का बजट सत्र चल रहा है. कर्जमाफी की मांग को लेकर विपक्ष आक्रामक हो चुका है.
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