यह ख़बर 22 जुलाई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

असम दंगे में अब तक 12 मरे, सेना बुलाई गई

खास बातें

  • असम के बोडोलैंड इलाके में साम्प्रदायिक हिंसा में रविवार को तीन और शव मिले, जिसके बाद इसमें मरने वालों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है। सुरक्षा बलों की मदद के लिए सेना बुलाई गई है।
गुवाहाटी:

असम के बोडोलैंड इलाके में साम्प्रदायिक हिंसा में रविवार को तीन और शव मिले, जिसके बाद इसमें मरने वालों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है। सुरक्षा बलों की मदद के लिए सेना बुलाई गई है।

बोडोलैंड टेरीटोरियल एरियाज डिस्ट्रिक्ट के पुलिस महानिरीक्षक एसएन सिंह ने कहा, "शनिवार के बाद से हालात में सुधार हुआ है लेकिन अब भी तनाव बरकरार है। कोकराझार जिले में सेना बुला ली गई है और वह पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों को सहयोग कर रही है।"

सिंह ने कहा कि इलाके में हिंसा की कोई ताजा घटना नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि चिरांग जिले में कोकराझार के निकट एक यात्री वाहन से तीन लोगों को रविवार को अगवा कर लिया गया। इस मामले में जांच की जा रही है।

कोकराझार और चिरांग बोडोलैंड टेरीटोरियल एरियाज डिस्ट्रिक्ट क्षेत्र में आते हैं।

एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को रात को कर्फ्यू (शाम छह बजे से सुबह छह बजे तक) लागू किया गया था, जो अब भी जारी है।

उपायुक्त डोनाल्ड गिलसेलॉन ने बताया, "हमने कोकराझार में गौरंग नदी से रविवार सुबह तीन और शव बरामद किए। मरने वाले 12 लोगों में बोडो समुदाय तथा एक धार्मिक अल्पसंख्यक भी शमिल हैं।"

गिलसेलॉन ने कहा कि हिंसा की ताजा घटना नहीं हुई है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बटालियन के साथ-साथ केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की छह कम्पनियां तथा दो टुकड़ियां भी तैनात की गई हैं।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, हिंसा की शुरुआत गुरुवार को मागुरबरी क्षेत्र में दो छात्र नेताओं- मोहिबुल इस्लाम तथा अब्दुल सिद्दीक शेख पर हथियारबंद बदमाशों द्वारा हमला किए जाने के बाद हुई।

इस घटना के बाद शुक्रवार रात को चार पूर्व बोडो उग्रवादियों को गोली मार दी गई। इसके बाद शनिवार को भी एक 14 साल के किशोर सहित पांच लोगों को मार दिया गया।

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असम के परिवहन मंत्री चंदन ब्रह्मा ने हिंसा में मरने वालों के परिजनों को तीन लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है।