वाईएस चौधरी (फाइल फोटो)
हैदराबाद:
एक तरफ केंद्र सरकार कर्ज नहीं लौटाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का वादा कर रही है, वहीं दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री वाईएस चौधरी के सामने गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है, क्योंकि उनके खिलाफ मॉरीशस-स्थित एक बैंक की शिकायत के आधार पर गैर-जमानती वारंट जारी हो गया है।
केंद्रीय मंत्री के खिलाफ वारंट गुरुवार को तब जारी किया गया, जब वह कोर्ट के समन के बावजूद तीसरी बार भी कोर्ट में पेश नहीं हुए। विज्ञान एवं तकनीकी राज्यमंत्री वाईएस चौधरी तेलुगूदेशम पार्टी के नेता हैं, तथा राज्यसभा के सदस्य हैं।
वाईएस चौधरी उद्योगपति भी हैं। सुजना इंडस्ट्रीज़ के गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में उन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी सुजना यूनिवर्सल इंडस्ट्रीज़ की मॉरीशस-स्थित सब्सिडियरी कंपनी हेस्टिया होल्डिंग्स की खातिर लिए गए 100 करोड़ रुपये के कर्ज को नहीं चुकाया।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
केंद्रीय मंत्री के खिलाफ वारंट गुरुवार को तब जारी किया गया, जब वह कोर्ट के समन के बावजूद तीसरी बार भी कोर्ट में पेश नहीं हुए। विज्ञान एवं तकनीकी राज्यमंत्री वाईएस चौधरी तेलुगूदेशम पार्टी के नेता हैं, तथा राज्यसभा के सदस्य हैं।
वाईएस चौधरी उद्योगपति भी हैं। सुजना इंडस्ट्रीज़ के गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में उन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी सुजना यूनिवर्सल इंडस्ट्रीज़ की मॉरीशस-स्थित सब्सिडियरी कंपनी हेस्टिया होल्डिंग्स की खातिर लिए गए 100 करोड़ रुपये के कर्ज को नहीं चुकाया।
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