यूक्रेन में फंसे छात्रों को निकालने में मदद करने के लिए केंद्रीय मंत्री ने इस परिवार का धन्यवाद किया

उन्होंने पालतू जानवरों को निकालने की भी जानकारी दी, जिन्हें छात्रों के साथ तनावपूर्ण क्षेत्र से निकाला गया था. उन्होंने ट्वीट किया, "भारतीय छात्रों का एक और जत्था अपने लिटिल चैंपियन्स के साथ सुरक्षित घर लौटा है. वापस आने पर स्वागत है!" 

यूक्रेन में फंसे छात्रों को निकालने में मदद करने के लिए केंद्रीय मंत्री ने इस परिवार का धन्यवाद किया

युद्धग्रस्त यूक्रेन से फंसे हुए भारतीय छात्रों की बढ़ती संख्या अपने प्यारे दोस्तों के साथ लौट रही है

नई दिल्ली:

बुखारेस्ट: केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को एक परिवार की सराहना की और धन्यवाद दिया, जिसने रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव के बीच चल रहे ऑपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन से 7,457 भारतीय छात्रों को निकालने में मदद की. सिंधिया ने ट्वीट किया, "इस परिवार का ऋणी हूं, जिसने हमारे 7457 छात्रों को सुरक्षित निकाल लिया. ऑपरेशन गंगा सभी क्षेत्रों और व्यवसायों के लोगों को एक साथ लाया और यह अविश्वसनीय है कि प्रत्येक बहादुर को बिना किसी आराम के मिशन-मोड पर अथक रूप से काम करते देखा गया है. लगभग एक मशीन की तरह! धन्यवाद.”

उन्होंने पालतू जानवरों को निकालने की भी जानकारी दी, जिन्हें छात्रों के साथ तनावपूर्ण क्षेत्र से निकाला गया था. उन्होंने ट्वीट किया, "भारतीय छात्रों का एक और जत्था अपने लिटिल चैंपियन्स के साथ सुरक्षित घर लौटा है. वापस आने पर स्वागत है!" 

बता दें कि युद्धग्रस्त यूक्रेन से फंसे हुए भारतीय छात्रों की बढ़ती संख्या अपने प्यारे दोस्तों के साथ लौट रही है, यहां तक कि अपने पालतू जानवरों को बचाने और वापस लाने के लिए कुछ छात्र जोखिम भी उठा रहे हैं. यूक्रेन से कई भारतीय छात्र अकेले नहीं आए हैं, बल्कि अपनी बिल्लियों और कुत्तों को भी अपने साथ ले आए हैं, क्योंकि युद्धग्रस्त देश में युद्ध तेज होने के कारण उन्होंने अपने पालतू जानवरों को वहां छोड़ने से इनकार कर दिया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के पड़ोसी देशों में चार विशेष दूत भेजे हैं, जहां से भारतीयों को निकाला जा रहा है. चार कैबिनेट मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरेन रिजिजू, जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त) और हरदीप सिंह पुरी पिछले कई दिनों से काम पर हैं. एक पूर्व राजनयिक, हरदीप पुरी को भारतीय छात्रों को निकालने के उनके प्रयासों के समन्वय के लिए हंगरी में तैनात किया गया है.

गौरतलब है कि मास्को द्वारा यूक्रेन के अलग-अलग क्षेत्रों - डोनेट्स्क और लुहान्स्क - को स्वतंत्र संस्थाओं के रूप में मान्यता देने के तीन दिन बाद, रूसी सेना ने 24 फरवरी को यूक्रेन में सैन्य अभियान शुरू किया. यूके, यूएस, कनाडा और यूरोपीय संघ सहित कई देशों ने यूक्रेन में रूस के सैन्य अभियानों की निंदा की है और मास्को पर प्रतिबंध लगाए हैं.

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युद्ध का डर: यूक्रेन ही नहीं आसपास के इलाकों से भी भारत लौट रहे हैं छात्र



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