
अरविंद केजरीवाल दलित पीड़ितों से मिलने एक दिवसीय दौरे पर गुजरात के उना गए थे
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उना में केजरीवाल कांस्टेबल की हत्या के आरोपी कांति मुल्जी वाला से भी मिले
उना को लेकर विरोध-प्रदर्शन के दौरान पथराव में कांस्टेबल की मौत हो गई थी
वाला का कहना है कि पुलिसकर्मी की हत्या उसने नहीं की है और वह निर्दोष है
केजरीवाल शुक्रवार सुबह हवाईअड्डे पहुंचे और वहां से सीधे राजकोट सरकारी अस्पताल गए। वहां उन्होंने उना कांड के दो दलित पीड़ितों से मुलाकात की। उन्होंने उन लोगों से भी मुलाकात की, जिन्होंने घटना के विरोध में आत्महत्या की कोशिश की थी।
आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल पुलिस हेडकांस्टेबल की हत्या के आरोपी कांति मुलजी वाला से भी मिले। मुलजी वाला का भी राजकोट सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है। मुलजी वाला अमरेली के हेडकांस्टेबल पंकज अमरेलिया की हत्या के आरोपियों में से एक है। कुछ दिन पहले उना मामले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे दलितों ने पथराव किया था, जिसमें अमरेलिया की मौत हो गई थी।
केजरीवाल ने हत्या के आरोपी को 'न्याय की लड़ाई में हर संभव सहायता' का आश्वासन दिया। बहरहाल, वाला का कहना है कि पुलिसकर्मी की हत्या उसने नहीं की है और वह निर्दोष है। अरविंद केजरीवाल से यह पूछे जाने पर कि वह हत्या के आरोपी से क्यों मिले, उन्होंने सीधा जवाब नहीं दिया और सिर्फ इतना कहा कि वह अमरेली में कांस्टेबल के परिजन से भी मिलेंगे।
केजरीवाल की आरोपी से मुलाकात पर बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। सत्तारूढ़ पार्टी के सौराष्ट्र-कच्छ के प्रवक्ता राजू ध्रुव ने केजरीवाल की वाला से मुलाकात की आलोचना करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री को ऐसा व्यक्ति बताया, जो राजनीतिक लाभ उठाने के लिए कुछ भी कर सकता है।
ध्रुव ने कहा, 'वह (केजरीवाल) ऐसा व्यक्ति है जो राजनीतिक फायदा उठाने के लिए कुछ भी कर सकता है। उन्होंने अण्णा हजारे को धोखा दिया और अब वह गुजरात को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'हत्या के आरोपी से मुलाकात कर केजरीवाल ने साबित कर दिया है कि उन्हें दलितों की कोई चिंता नहीं है, न ही कांस्टेबल अमरेलिया की परवाह है, जिन्होंने कर्तव्य निभाते हुए अपनी जान दे दी। केजरवाल घटिया राजनीति में विश्वास रखते हैं।'
गौरतलब है कि आप प्रमुख केजरीवाल राज्य के एक दिवसीय दौरे पीड़ित दलितों से मिलने पहुंचे हैं। गिर सोमनाथ के उना कस्बे के मोटा समाधियाला गांव में एक मृत गाय की चमड़ी उतारने के आरोपी दलितों और उनके परिजन की 11 जुलाई को बुरी तरह पिटाई की गई थी। इस घटना के विरोध में दलित समुदाय ने राज्यभर में विरोध प्रदर्शन किए थे। ये प्रदर्शन तीन दिन तक जारी रहे और इस दौरान आगजनी के कारण सरकारी संपत्ति को नुकसान भी पहुंचा।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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