भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की 75वें सत्र में सोमवार को कहा कि आज सुरक्षा परिषद 'अपंग' बन गया है क्योंकि वो 'अपनी प्रतिनिधि करने की क्षमता के अभाव में विश्वसनीय फैसले नहीं ले पा रहा है.' महासभा में बोलते हुए UN में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने यह भी कहा कि IGN (Intergovernmental Negotiations- सरकारों के बीच आपस में बातचीत) खाली विश्वविद्यालयों में होने वाली बहस के लिए प्लेटफॉर्म जैसा बनकर रह गया है और यहां पर UN के सदस्य देशों के बीच में नतीजों को लेकर की जाने वाली कोशिशें न के बराबर रह गई हैं.
तिरुमूर्ति ने अपने संबोधन में कहा कि 'IGN में पिछले एक दशक से सुधार पर जोशीले भाषण सुनने के अलावा कुछ भी नहीं हुआ है. दरअसल, ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि यह बस अनौपचारिक ही नहीं है, इसके पास कार्यवाही के कोई नियम या फिर कोई रिकॉर्ड वगैरह भी नहीं हैं. एक दशक से ऐसी ही स्थिति बनी हुई है.'
उन्होंने कहा कि 'हम खुद अपने नोट्स रखने को मजबूर है, जिससे कि छोटे और मध्यम देशों पर भारी बोझ पड़ता है. जो देश इन देशों के लिए मगरमच्छ के आंसू बहाते हैं, वो ही उन्हें सामान्य शिष्टाचार तक का अधिकार भी नहीं देते है, जिसके तहत उनकी अपनी बहसों का आधिकारिक रिकॉर्ड रखने में मदद की जा सकती है. यहां पर जो भी होता है, उसका कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जाता और अगले साल फिर हम ऐसे शुरू करते हैं, जैसे कि कुछ हुआ ही नहीं है. और जाहिर है हमारे पास नेगोसिएशन पर कुछ नहीं रहता. IGN खाली विश्वविद्यालयों में होने वाली बहस के लिए प्लेटफॉर्म जैसा बनकर रह गया है और यहां पर UN के सदस्य देशों के बीच कोई नेगोसिएशन या फिर काम की चीज नहीं हो पाती.'
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