पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कश्मीर मुद्दे में पाकिस्तान को भी एक पक्ष बताया और मुद्दे को सुलझाने के लिए पड़ोसी देश को भी शामिल करने की वकालत की. मुफ्ती ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एनडीए सरकार के दूसरे कार्यकाल में बने गृहमंत्री अमित शाह पर हमला किया है. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर समस्या के त्वरित हल के लिए ‘‘बर्बर बल'' का सहारा लेने का आरोप लगाया और कहा कि यह बेतुकी भरी नासमझी होगी. इस पर गौतम गंभीर ने भी करारा जवाब दिया है. गौतम ने महबूबा मुफ्ती को उन्हीं के अंदाज में जवाब दिया.
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While I am all for a talk-based solution to Kashmir problem but for @mehboobamufti to term Shri @AmitShah's process as “brute” is “ridiculously naive”. History has been witness to our patience and endurance. But if oppression ensures security for my people, then so be it.
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) June 3, 2019
नवनिर्वाचित सांसद गौतम गंभीर ने ट्वीट किया, ''हालांकि हम सभी कश्मीर समस्या के समाधान के लिए बात कर रहे हैं, लेकिन महबूबा मुफ्ती के लिए अमित शाह की प्रक्रिया को 'क्रूर' कहना 'हास्यास्पद' है. इतिहास हमारे धैर्य और धीरज का गवाह रहा है. लेकिन अगर उत्पीड़न मेरे लोगों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करता है, तो ऐसा ही हो.'' इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया था. उन्होंने लिखा, ‘‘1947 से विभिन्न सरकारें कश्मीर को सुरक्षा के नजरिए से देखती रही हैं. यह एक राजनीतिक समस्या है और पाकिस्तान सहित सभी पक्षों को शामिल करते हुए इसके राजनीतिक हल की जरूरत है.''
Since 1947, Kashmir's been looked through the prism of security by successive governments. It's a political problem that needs a political redressal by involving all stakeholders inc Pak.Expecting a quick fix through brute force by newly appointed HM is ridiculously naive
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) June 3, 2019
सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में देश की आंतरिक सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया, जहां उन्हें जम्मू कश्मीर की स्थिति से भी अवगत कराया गया. बता दें, अमित शाह (Amit Shah) ने सोमवार को सुरक्षा बलों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे किसी भी आलोचना से प्रभावित न हों और जीरो टॉलरेंस की नीति जारी रखें. गृह मंत्रालय का कहना है कि यह नीति परिणाम देने वाली है. इस साल के शुरुआती पांच महीनों में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने 101 आतंकवादियों को मार गिराया है. इसका मतलब हर महीने औसतन 20 आतंकियों का सफाया किया जा रहा है.
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