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This Article is From Sep 21, 2019

भारी ट्रैफिक जुर्माने को लेकर केंद्र-राज्यों में ठनी, मामला पहुंचा अटॉर्नी जनरल के पास 

नए मोटर वाहन (Motor Vehicle Act) अधिनियम का मामला अब महान्यायवादी (अटॉर्नी जनरल) के.के. वेणुगोपाल के कार्यालय तक पहुंच गया है.

भारी ट्रैफिक जुर्माने को लेकर केंद्र-राज्यों में ठनी, मामला पहुंचा अटॉर्नी जनरल के पास 
प्रतीकात्मक तस्वीर.
नई दिल्ली:

नए मोटर वाहन (Motor Vehicle Act) अधिनियम के तहत यातायात नियम उल्लंघन पर भारी जुर्माना लगाए जाने को लेकर राज्य सरकारों और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) के बीच मतभेद का मामला अब महान्यायवादी (अटॉर्नी जनरल) के.के. वेणुगोपाल के कार्यालय तक पहुंच गया है, जो भारत सरकार के मुख्य कानूनी सलाहकार हैं. केंद्रीय कानून मंत्रालय के शीर्ष सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय विधान का प्रवर्तन टालने के लिए राज्य सरकार की शक्तियों पर अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल से कानूनी राय मांगी गई है. इसके अलावा, राज्य सरकार द्वारा जुर्माना घटाने के मुद्दे पर भी राय मांगी गई है. भाजपा शासित गुजरात सहित कई राज्य सरकारों ने भारी जुर्माने को लेकर मचे बवाल के बीच यातायात नियम उल्लंघन पर नए एमवी (संशोधन) अधिनियम के क्रियान्वयन को टाल दिया है. गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने एक कदम आगे बढ़ते हुए 18 समाधेय अपराधों के लिए जुर्माने में कमी की घोषणा की.  

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उदाहरण के लिए, नए कानून के तहत बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाने पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है, जबकि अयोग्यता के बावजूद गाड़ी चलाने पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है. सूत्रों ने कहा कि रूपाणी के नए एमवी अधिनियम के क्रियान्वयन को टालने के फैसले का दिल्ली, उत्तराखंड, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों ने भी अनुसरण किया है. इसके बाद नितिन गडकरी के नेतृत्व वाले केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कानून मंत्रालय से यह पता लगाने के लिए कानूनी राय मांगी कि क्या राज्य सरकारों के पास संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित केंद्रीय कानून को लागू करने की तिथि को टालने का पर्याप्त अधिकार है या नहीं.  

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एमओआरटीएच के शीर्ष अधिकारी भी कानून मंत्रालय से जानना चाहते हैं कि क्या राज्य सरकार जुर्माना कम कर सकती है. सूत्रों ने कहा कि जुर्माने के जटिल मुद्दे को ध्यान में रखते हुए, कानून मंत्रालय ने मामले पर कानूनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए अटॉर्नी जनरल की राय मांगी है. अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर, दिल्ली सरकार शुरू से ही नए एमवी अधिनियम पर एक अधिसूचना जारी करने में संकोच करती रही. एनसीआर में गुरुवार को टैक्सी और ऑटो चालकों की बड़े पैमाने पर हड़ताल ने भी भारी जुर्माना लगाने को थोड़ा मुश्किल बना दिया. इस बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को दोहराया कि नए एमवी एक्ट के तहत भारी जुर्माना देश में यातायात नियमों के बड़े पैमाने पर उल्लंघन के मामलों में कमी लाएगा. 
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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