
पुलिस की हिरासत में आतंकवादी अब्दुल करीम टुंडा।
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न्यायालय ने लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी अब्दुल करीम टुंडा को शनिवार को यहां 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
दंडाधिकारी अशोक कुमार शनिवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गए, जहां 70 वर्षीय टुंडा को ऑपरेशन के लिए भर्ती किया गया है। टुंडा के वकील एमएस खान ने कहा कि पूरी अदालती कार्यवाही एम्स के सघन हृदय चिकित्सा कक्ष में हुई।
वकील ने बताया कि न्यायाधीश ने टुंडा को जांच अधिकारी के आधिकारिक फोन से पाकिस्तान में अपने परिवार से बात करने की इजाजत भी दी। लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी टुंडा पर देश में 40 बम विस्फोट करने का आरोप है।
एक हाथ से बम बनाने वाले टुंडा को दिल्ली पुलिस ने पिछले हफ्ते भारत-नेपाल सीमा के पास से गिरफ्तार किया था। पिछले सप्ताह टुंडा ने न्यायाधीश से कहा था कि वह बेगुनाह है।
टुंडा ने न्यायालय में कहा था, "मैं निर्दोष हूं। मैं कुरान की तालीम देता हूं और जिहाद में बूढ़ों, महिलाओं और बच्चों को मारने की मनाही है।"
दिल्ली में जन्मा टुंडा, देश में विभिन्न आपराधिक मामलों में वांछित है और देश के शीर्ष 20 अति वांछित आतंकवादियों में से एक है। दिल्ली में ही टुंडा 1994, 1996 और 1998 में हुए 21 आंतकवादी मामलों का दोषी है।
फरार दाऊद इब्राहिम के सहयोगी टुंडा को 16 अगस्त को उत्तराखंड में नेपाल सीमा से लगे बनबासा क्षेत्र में पकड़ा गया था, जब वह भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर रहा था।
पुलिस ने बताया कि टुंडा 1993 के मुंबई शृंखलाबद्ध विस्फोटों में शामिल रहा है, जिसमें 250 से ज्यादा लोग मारे गए थे। इसके अलावा वह 1997-98 में दिल्ली में हुए बम विस्फोटों और उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में हुए विस्फोटों में भी शामिल था।
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