किसान आंदोलन को लेकर रविशंकर प्रसाद का हमला- 'टुकड़े-टुकड़े गैंग इसका फायदा उठाना चाहता है'

किसान आंदोलन: केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नये कृषि कानून के खिलाफ किसानों के आंदोलन का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.  

पटना:

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने रविवार को कहा कि नये कृषि कानून के खिलाफ किसानों के आंदोलन का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग' के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.  केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री ने पटना जिले में बख्तियार विधानसभा क्षेत्र के टेकबीघा गांव में इन तीनों कृषि कानूनों के समर्थन में भाजपा की बिहार इकाई के ‘किसान चौपाल सम्मेलन' का उद्घाटन करते हुए यह बात कही. 

प्रसाद ने कहा, ‘‘ वे (कृषि कानून का विरोध करने वाले) कह रहे हैं कि जब तक कानून वापस नहीं लिये जाते, तब तक वे अपना आंदोलन वापस नहीं लेंगे. हम कहना चाहेंगे कि नरेंद्र मोदी सरकार किसानों का सम्मान करती है लेकिन हम स्पष्ट करना चाहेंगे कि किसानों के आंदोलन का फायदा उठा रहे ‘टुकड़े टुकड़े गैंग' के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.'' उन्होंने ‘किसान चौपाल सम्मेलन' को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं पूछना चाहता हूं कि वे कौन लोग हैं जो देश को तोड़ने की भाषा बोल रहे हैं... अब उन तथाकथित बुद्धिजीवियों को रिहा करने की मांग उठायी जा रही है जो दिल्ली और महाराष्ट्र में दंगे में शामिल होने को लेकर जेल में हैं.''

उन्होंने कहा, ‘‘ पुलिस ने आरोपपत्र दाखिल किये हैं, वे अदालत से जमानत हासिल नहीं कर पाये हैं, क्योंकि सुनवाई चल रही है. अब इन लोगों ने अपने फायदे के लिए किसान आंदोलन की आड़ ली है लेकिन हम उन्हें उनके मकसद में कामयाब नहीं होने देंगे.'' पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने भी प्रदर्शनकारी किसानों से उनके मंच का ‘असामाजिक' तथा ‘वामपंथी एवं माओवादी तत्वों द्वारा दुरूपयोग किये जाने एवं माहौल को बिगाड़ने की साजिश रचने को लेकर चौकन्ना रहने का आह्वान किया था. 

उन्होंने शुक्रवार को यह बात तब कही थी जब टिकरी बार्डर पर कुछ प्रदर्शनकारियों की हाथों में ऐसे पोस्टर वाली तस्वीरें वायरल हुई थी जिनमें विभिन्न आरोपों के तहत गिरफ्तार किये गये कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग की गयी थी. रेलवे तथा खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्री पीयूष गोयल ने सीधे तौर पर आरोप लगाया कि ऐसा जान पड़ता है कि कुछ वामपंथी और माओवादी तत्वों ने आंदोलन को अपने नियंत्रण में ले लिया है और किसान मुद्दों पर चर्चा करने के बजाय उनका एजेंडा कुछ और ही लगता है. बिहार प्रदेश भाजपा के कार्यक्रम के तहत ऐसे ही सम्मेलन जिला स्तर पर और हर विधानसभा क्षेत्र में होंगे जिनका 25 दिसंबर को समापन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर होगा. 

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इन कार्यक्रमों में विभिन्न केंद्रीय एवं राज्य के मंत्री हिस्सा लेंगे. प्रसाद ने कहा कि ये तीनों कृषि कानून किसानों खासकर छोटे और सीमांत कृषिकों के फायदे के लिए बनाये गये और उन्हें इस बात का आश्चर्य है कि क्यों ये विपक्षी दल एवं पंजाब के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं जो किसानों को मंडी व्यवस्था के जाल से मुक्त करेंगे और वे देश में कहीं भी अपनी ऊपज बेच सकेंगे. 



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)