मुम्बई:
मकबूल फिदा हुसैन के जबर्दस्त आलोचक शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने कहा कि पेंटर के निधन से आधुनिक कला को नुकसान पहुंचा होगा और अल्लाह उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें। बाल ठाकरे के भतीजे एवं महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे हुसैन की कलाकृतियों से संबंधित सभी विवादों को दफना देना चाहते हैं। खुद एक प्रतिष्ठित कार्टूनिस्ट 83 वर्षीय बाल ठाकरे ने कहा, हुसैन के निधन से आधुनिक कला को नुकसान पहुंचा होगा। बस। अल्लाह उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें। हुसैन द्वारा हिन्दू देवी देवताओं की निर्वस्त्र तस्वीरें बनाए जाने पर शिवसेना मनसे जैसे दक्षिणपंथी संगठनों और अन्य हिन्दू संगठनों ने भृकुटियां तान ली थीं और उन्होंने कई बार प्रदर्शनियों में उनकी पेंटिंगों को निशाना बनाया। बाल ठाकरे ने कहा, कलाकार के रूप में प्रत्येक व्यक्ति का एक कार्यक्षेत्र होता है और हुसैन ने आधुनिक कला क्षेत्र में जोश के साथ काम किया। हालांकि हिन्दू देवी-देवताओं के चित्र बनाते समय वह भटक गए। उन्होंने कहा, वह अपने क्षेत्र में खुश थे। मैं आधुनिक कला को पसंद नहीं करता। मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने अपनी टिप्पणी में कहा, हुसैन राष्ट्रीय धरोहर थे और भारतीय कला में उनके योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। जो भी विवाद हुए उन्हें उनके निधन के साथ ही दफना दिया जाना चाहिए। यदि उनका परिवार उनकी पार्थिव देह वापस लाना चाहता है तो इसकी अनुमति मिलनी चाहिए। राज ठाकरे भी एक कार्टूनिस्ट हैं। उन्होंने कहा कि पंढरपुर में जन्मे हुसैन महाराष्ट्र से गहराई से जुड़े थे जहां उनकी कला फली-फूली और उन्हें अंतरराष्ट्रीय ख्याति मिली।
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