नई दिल्ली:
शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर और कांग्रेस की रेणुका चौधरी के बीच शुक्रवार (22 जुलाई) को शुरू हुई 'ज़ुबानी जंग' अब वित्तमंत्री अरुण जेटली और संसदीय कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के प्रयासों से खत्म हो गई है।
दोनों नेताओं के बीच शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान के मुद्दे पर राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित होते ही बहस हो गई थी, जिसमें रेणुका चौधरी ने हरसिमरत कौर को कथित रूप से 'कचरा' कहते हुए टिप्पणी की थी, "यह कचरा कहां से आ जाता है...?"
जब हरसिमरत कौर ने इस पर आपत्ति की, तो रेणुका चौधरी ने कथित रूप से कहा, "भाड़ में जाएं..."
इसके बाद हरसिमरत कौर राज्यसभा के सभापति को रेणुका चौधरी तथा कांग्रेस के ही एक अन्य नेता जयराम रमेश के विरुद्ध लिखित शिकायत दी, जिसमें दोनों पर उनके साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगाया। शिरोमणि अकाली दल के सुखदेव सिंह ढींढसा ने भी इस मुद्दे पर रेणुका चौधरी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया था।
बुधवार को सदन के नेता वित्तमंत्री अरुण जेटली तथा संसदीय कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की पहल पर दोनों नेताओं - हरसिमरत कौर तथा रेणुका चौधरी - को राज्यसभा के सभापति के चैम्बर में आमंत्रित किया गया, जहां उन्होंने चाय पीते-पीते एक घंटे तक इस मुद्दे पर चर्चा की। अरुण जेटली और मुख्तार अब्बास नकवी ने दोनों नेताओं से इस मुद्दे को खुद सुलझा लेने का आग्रह किया, और अंततः दोनों नेताओं ने विवाद को खत्म करने का फैसला किया, जिससे अब दिया गया नोटिस बेकार हो जाएगा।
दोनों नेताओं के बीच शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान के मुद्दे पर राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित होते ही बहस हो गई थी, जिसमें रेणुका चौधरी ने हरसिमरत कौर को कथित रूप से 'कचरा' कहते हुए टिप्पणी की थी, "यह कचरा कहां से आ जाता है...?"
जब हरसिमरत कौर ने इस पर आपत्ति की, तो रेणुका चौधरी ने कथित रूप से कहा, "भाड़ में जाएं..."
इसके बाद हरसिमरत कौर राज्यसभा के सभापति को रेणुका चौधरी तथा कांग्रेस के ही एक अन्य नेता जयराम रमेश के विरुद्ध लिखित शिकायत दी, जिसमें दोनों पर उनके साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगाया। शिरोमणि अकाली दल के सुखदेव सिंह ढींढसा ने भी इस मुद्दे पर रेणुका चौधरी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया था।
बुधवार को सदन के नेता वित्तमंत्री अरुण जेटली तथा संसदीय कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की पहल पर दोनों नेताओं - हरसिमरत कौर तथा रेणुका चौधरी - को राज्यसभा के सभापति के चैम्बर में आमंत्रित किया गया, जहां उन्होंने चाय पीते-पीते एक घंटे तक इस मुद्दे पर चर्चा की। अरुण जेटली और मुख्तार अब्बास नकवी ने दोनों नेताओं से इस मुद्दे को खुद सुलझा लेने का आग्रह किया, और अंततः दोनों नेताओं ने विवाद को खत्म करने का फैसला किया, जिससे अब दिया गया नोटिस बेकार हो जाएगा।
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