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This Article is From Oct 03, 2020

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री मीडिया को धमकाने पर घिरे, पत्रकारों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया 

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब का मीडिया को धमकाने के मामले में विरोध लगातार बढ़ता ही जा रहा है. राज्य के पत्रकारों के समूह ने दो अक्तूबर को गांधी जयंती के दिन भी काली पट्टी बांधकर विरोध जताया और मुख्यमंत्री से यह बयान तुरंत वापस लेने की मांग की.

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री मीडिया को धमकाने पर घिरे, पत्रकारों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया 
मीडिया को कभी माफ नहीं करूंगा के बयान पर घिरे त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब. (फाइल फोटो)
अगरतला:

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब का मीडिया को धमकाने के मामले में विरोध लगातार बढ़ता ही जा रहा है. मीडिया संगठन लगातार मुख्यमंत्री के बयान पर अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं. राज्य के पत्रकारों के समूह ने दो अक्तूबर को गांधी जयंती के दिन भी काली पट्टी बांधकर विरोध जताया और मुख्यमंत्री से यह बयान तुरंत वापस लेने की मांग की.

त्रिपुरा असेंबली ऑफ जर्नलिस्ट (एओजे) ने राज्यपाल रमेश बैस से भी मुलाकात कर इस मामले में हस्तक्षेप करने को कहा है. देब ने 11 सितंबर को एक कार्यक्रम में धमकाने वाले अंदाज में कहा था कि वह राज्य के मीडिया संगठनों को कभी माफ नहीं करेंगे. वह कोरोना वायरस को लेकर राज्य के अस्पतालों में बदइंतजामी की मीडिया में प्रकाशित खबरों को लेकर नाराज थे. पत्रकारों और संपादकों के समूह एओजे इस बयान को लेकर लगातार विरोध कर रहा है. 

एओजे के चेयरमैन सुबल कुमार डे ने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह के साथ सूचना एवं प्रसारण मंत्री, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया और देश-विदेश के मानवाधिकार संगठनों को भी ज्ञापन भेजेंगे. डे के मुताबिक, बयान वापस लेने की मांग मुख्यमंत्री द्वारा अनसुनी करने के बाद हमने लोकतांत्रिक आंदोलन शुरू किया है. दरअसल, देब ने सबरूम इलाके में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि वह भ्रमित करने वाली खबरों को लेकर मीडिया को कभी माफ नहीं करेंगे.

उन्होंने कुछ पत्रकारों और समाचार संगठनों पर अतिउत्साह में ऐसी खबरें प्रकाशित करने का आरोप लगाते हुए कहा था, राज्य की जनता और खुद वह उन्हें क्षमा नहीं करेंगे. मैं अपने संकल्प का पक्का हूं और इतिहास इसका गवाह बनेगा. फोरम फॉर प्रोटेक्न ऑफ मीडिया एंड जर्नलिस्ट ने भी मुख्यमंत्री के इस बयान की निंदा की थी. 14 सितंबर को अज्ञात लोगों ने एक पत्रकार को बुरी तरह पीटा था. " उसने माफ नहीं करूंगा " वाले मुख्यमंत्री के बयान की आलोचना की थी. राज्य के कई अन्य पत्रकारों को भी लगातार धमकियां मिल रही हैं.
 

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