विज्ञापन
This Article is From Mar 08, 2018

त्रिपुरा : माणिक सरकार का अब यह है नया बसेरा, सरकारी आवास छोड़ा

त्रिपुरा में सीपीएम कार्यालय के गेस्ट हाउस के एक कमरे में पत्नी के साथ रहेंगे निवर्तमान सीएम माणिक सरकार

त्रिपुरा : माणिक सरकार का अब यह है नया बसेरा, सरकारी आवास छोड़ा
माणिक सरकार अब त्रिपुरा में सीपीएम दफ्तर के गेस्ट हाउस के एक कमरे में रहेंगे.
अगरतला: देश के सबसे गरीब मुख्यमंत्री के रूप में पहचाने जाने वाले त्रिपुरा के निवर्तमान सीएम माणिक सरकार अब सरकारी आवास छोड़कर सीपीएम के राज्य कार्यालय में रहेंगे. राज्य में पिछले बीस साल से सीपीएम की सत्ता थी. हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को ऐतिहासिक जीत मिली और सीपीएम का किला ढह गया.   

सीपीएम की राज्य इकाई के मुताबिक माणिक सरकार ने मार्क्स एनगल्स सरानी में स्थित अपना सरकारी आवास खाली कर दिया है. अब पार्टी के गेस्ट हाउस का एक कमरा ही उनका आवास होगा. यह स्थान उनके उस सरकारी आवास से करीब 500 मीटर की दूरी पर पर है जहां वे लंबे समय से रह रहे थे.

यह भी पढ़ें : त्रिपुरा में माणिक सरकार ने राज्‍यपाल को सौंपा इस्‍तीफा, नागालैंड में BJP को मिला NPF का समर्थन

माणिक सरकार पार्टी दफ्तर के गेस्ट हाउस के एक कमरे में अपनी पत्नी पांचाली भट्टाचार्य के साथ रहेंगे. सीपीएम कार्यालय के सचिव हरिपद दास के मुताबिक सरकार ने जोर देकर कहा है कि वह वही सब खाएंगे जो पार्टी कार्यालय की रसोई में बनाया जाएगा. उन्होंने किताबें, कपड़े और कुछ सीडी पार्टी कार्यालय में भेज दिए हैं. अगर नई सरकार उन्हें सरकारी आवास देती है तो वह उसमें जा सकते हैं.

यह भी पढ़ें : हेमंत बिस्वास सरमा का माणिक सरकार पर कटाक्ष, अब इन तीन जगह मिलेगी शरण

माणिक सरकार की पत्नी पांचाली ने कहा था कि वे मार्क्सवादी साहित्य तथा किताबें पार्टी कार्यालय के पुस्तकालय और बीरचंद्र सेंट्रल लाइब्रेरी को दान कर देंगी. इस दंपति की कोई संतान नहीं है.

त्रिपुरा में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने वाम मोर्चा का किला ढहा दिया. यहां लगातार 25 साल से सीपीएम नीत वाम मोर्चे का शासन था. पिछले 20 साल से सरकार की कमान माणिक सरकार के हाथ में थी.

VIDEO : बीजेपी ने ढहाया वाम मोर्चे का गढ़

माणिक सरकार  'भारत का सबसे गरीब मुख्यमंत्री' कहे जाते रहे हैं. उन्होंने कहा था कि इस पर उन्हें कभी शर्म महसूस नहीं होती. माणिक सरकार की कुल चल एवं अचल संपत्ति की कीमत ढाई लाख रुपये से भी कम है. उन्होंने विधानसभा चुनावों में नामांकन दाखिल करते हुए अपने शपथपत्र में बताया था कि उनके हाथ में 1,080 रुपये नकद राशि थी. शपथपत्र के अनुसार उनके बैंक खाते में मात्र 9,720 रुपये थे.
(इनपुट भाषा से भी)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com