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This Article is From Aug 22, 2020

कोरोना संक्रमित होने पर गर्भवती को भर्ती करने से किया इनकार, गेट पर डिलिवरी

अस्पताल के स्टाफ और अन्य लोग महिला द्वारा बच्चे को जन्म देने के बाद उसकी मदद करने के लिए आगे आए. थोड़ी देर बाद पीपीई किट पहने हुए राजकीय आईजीएम अस्पताल में एक डॉक्टर महिला की जांच करने के लिए बाहर निकले...

कोरोना संक्रमित होने पर गर्भवती को भर्ती करने से किया इनकार, गेट पर डिलिवरी
महिला ने अस्पताल के गेट पर एंबुलेंस के इंतजार में बच्चे को जन्म दिया.
अगरतला:

पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा  की राजधानी अगरतला में में एक गर्भवती महिला ने एक राजकीय आईजीएम अस्पताल के प्रवेश द्वार पर जन्म देने का मामला सामने आया है  महिला के परिजनों का कहना है कि महिला की कोविड टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आने आने के बाद इस अस्पताल ने तेज लेबर पेन पर भी उसे भर्ती करने से इनकार कर दिया और कोविड अस्पताल जाने को कहा था, इस दौरान कोविड अस्पताल में शिफ्ट होने के लिए एम्बुलेंस का इंतजार करते हुए ही बच्चे को जन्म दिया.

अस्पताल के स्टाफ और अन्य लोग महिला द्वारा बच्चे को जन्म देने के बाद उसकी मदद करने के लिए आगे आए. थोड़ी देर बाद पीपीई किट पहने हुए राजकीय आईजीएम अस्पताल में एक डॉक्टर महिला की जांच करने के लिए बाहर आए और उसे बच्चे के साथ अस्पताल के अंदर ले गए. बाद में इस महिला और नवजात को जीबी पंत अस्पताल में शिफ्ट कर दिया, जो कि एक COVID-19 अस्पताल है..

बीजेपी विधायक और आईजीएम अस्पताल के रोगी कल्याण समिति के अध्यक्ष ने कहा है कि यह घटना तब हुई जब मरीज को कोविड -19 अस्पताल में स्थानांतरित करने में देरी हुई. उन्होंने बताया कि कोविड अस्पताल में मां और बच्चा दोनों की हालत स्थिर हैं.

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डॉ. दिलीप दास ने कहा, 'मरीज की कोविड टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव के बाद, उसे प्रोटोकॉल के अनुसार COVID-19 अस्पताल में स्थानांतरित करना पड़ा, इसकी सूचना परिवार के सदस्यों को दी गई. एंबुलेंस के आने में देरी हुई. अब, महिला ने बच्चे को जन्म दिया है और मां और बच्चा दोनों स्थिर हैं, ”.

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, गुरुवार और शुक्रवार की मध्यरात्रि को एक गर्भवती महिला को अत्यधिक प्रसव पीड़ा के साथ आईजीएम अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने परीक्षण किया और कोरोना पॉजिटव पाया. IGM अस्पताल प्राधिकरण ने उसे GBP अस्पताल में स्थानांतरित करने के लिए परिवार को बताया. वे एक घंटे से अधिक समय तक एम्बुलेंस के लिए अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर इंतजार करते रहे. उन्होंने आईजीएम अस्पताल प्राधिकरण से अनुरोध किया कि वे उसे स्वीकार करें क्योंकि मरीज बेहद दर्द में था, लेकिन सुरक्षा गार्ड ने उन्हें अस्पताल में दाखिल नहीं होने दिया.कुछ समय बाद, उसने प्रवेश द्वार पर एक बच्चा दिया.

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इससे पहले 31 जुलाई को (Tripura) में एक 25 साल की कोरोना (Coronavirus) पॉजिटिव महिला ने एम्बुलेंस में बच्चे को जन्म देने का मामला सामने आया था. अधिकारियों ने बताया था कि महिला को कैलाशहर के उनाकोटी जिला अस्पताल से अगरतला स्थित जीबी पंत अस्पताल (राज्य का मुख्य कोविड-19 अस्पताल) रेफर किया गया था. दोनों अस्पतालों के बीच की दूरी 130 किलोमीटर है. जीबी पंत अस्पताल लाए जाने के दौरान ही महिला के प्रसव पीड़ा हुई और उसने रास्ते में एम्बुलेंस में ही बच्चे को जन्म दे दिया.

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