फाइल फोटो
नई दिल्ली:
श्रमिक संगठनों की शुक्रवार की एक दिनी राष्ट्रव्यापी हड़ताल से देश के विभिन्न भागों में सामान्य जनजीवन पर असर पड़ा. दस यूनियनों के आह्वान पर इस हड़ताल से बैंक, कोयला खनन तथा परिवहन क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुए. इस दौरान वहीं हरियाणा, झारखंड और पश्चिम बंगाल में सैकड़ों कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया.
त्रिपुरा और तेलंगाना जैसे कुछ राज्यों में हड़ताल से सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ. पंजाब, हरियाणा और महाराष्ट्र में इसका असर आंशिक दिखा. दिल्ली और मुंबई महानगर में आम जनजीवन सामान्य रहा. हड़ताल से बैंकिंग सेवाएं पूरे देश में प्रभावित हुईं. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के बड़ी संख्या में कर्मचारी कार्यस्थल से नदारद रहे. हालांकि निजी बैंकों में कामकाज सामान्य रहा.
ट्रेड यूनियन नेताओं का दावा है कि रिजर्व बैंक में समाशोधन गतिविधियां प्रभावित हुईं और कर्मचारियों के ड्यूटी पर न आने से कुल 19,000 करोड़ रुपये का चैक अटक गये. एआईबीईए के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा, "समाशोधन सेवाएं प्रभावित हुई. 19,000 करोड़ रुपये के चैक एवं अन्य वित्तीय उत्पाद अटक गए." आल इंडिया कोल वर्कर्स फेडरेशन (सीटू) के महासचिव डीडी रामानंदन ने कहा, "कोयला उत्पादन और परिवहन आज थम गया. कोल इंडिया की अनुषंगी इकाइयां बीसीसीएल, सीसीएल, ईसीएल और सीएमपीडीआई में कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुआ. राजमहल और चित्रा खानों में करीब 300 कर्मचारी हिरासत में लिए गए."
आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के सचिव डीएल सचदेव ने कहा, "पश्चिम बंगाल और हरियाणा में हिरासत में कर्मचारियों को हिरासत में लिए जाने के मामले आए हैं. हमें पता चला है कि मानेसर में 12 लोगों को जबकि सात को पश्चिम बंगाल में हिरासत में लिया गया है. पिछले साल दो सितंबर की हड़ताल की तुलना में इस बार की हड़ताल का प्रभाव ज्यादा है."
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
त्रिपुरा और तेलंगाना जैसे कुछ राज्यों में हड़ताल से सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ. पंजाब, हरियाणा और महाराष्ट्र में इसका असर आंशिक दिखा. दिल्ली और मुंबई महानगर में आम जनजीवन सामान्य रहा. हड़ताल से बैंकिंग सेवाएं पूरे देश में प्रभावित हुईं. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के बड़ी संख्या में कर्मचारी कार्यस्थल से नदारद रहे. हालांकि निजी बैंकों में कामकाज सामान्य रहा.
ट्रेड यूनियन नेताओं का दावा है कि रिजर्व बैंक में समाशोधन गतिविधियां प्रभावित हुईं और कर्मचारियों के ड्यूटी पर न आने से कुल 19,000 करोड़ रुपये का चैक अटक गये. एआईबीईए के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा, "समाशोधन सेवाएं प्रभावित हुई. 19,000 करोड़ रुपये के चैक एवं अन्य वित्तीय उत्पाद अटक गए." आल इंडिया कोल वर्कर्स फेडरेशन (सीटू) के महासचिव डीडी रामानंदन ने कहा, "कोयला उत्पादन और परिवहन आज थम गया. कोल इंडिया की अनुषंगी इकाइयां बीसीसीएल, सीसीएल, ईसीएल और सीएमपीडीआई में कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुआ. राजमहल और चित्रा खानों में करीब 300 कर्मचारी हिरासत में लिए गए."
आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के सचिव डीएल सचदेव ने कहा, "पश्चिम बंगाल और हरियाणा में हिरासत में कर्मचारियों को हिरासत में लिए जाने के मामले आए हैं. हमें पता चला है कि मानेसर में 12 लोगों को जबकि सात को पश्चिम बंगाल में हिरासत में लिया गया है. पिछले साल दो सितंबर की हड़ताल की तुलना में इस बार की हड़ताल का प्रभाव ज्यादा है."
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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