प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
देश में बढ़ते सड़क हादसों से निपटने के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय ने एक नया रोडमैप तैयार किया है। तय किया गया है कि जिन सड़कों पर सबसे ज़्यादा हादसे होते हैं, उनको नए सिरे से सुरक्षित बनाया जाएगा। अब तक सवा सात सौ से ज्यादा ऐसी जगहों की पहचान की गई है। इसके लिए अगले पांच साल में 11000 करोड़ का बजट भी तय किया गया है।
देश में 726 स्थान दुर्घटना संवेदी
सड़क परिवहन मंत्रालय ने देश में सड़क सुरक्षा के लिए एक बड़ा कार्यक्रम तैयार किया गया है जिसके तहत अगले पांच साल में 726 ऐसी सड़कों या चौराहों को दुरुस्त किया जाएगा, जहां सबसे ज्यादा हादसे होते हैं। सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को एलान किया कि इस नई पहल पर 11,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
हर साल एक लाख चालीस हजार की मौत
देश में हर साल ऐसे सड़क हादसों में एक लाख चालीस हजार लोग मारे जाते हैं। यह वह त्रासदी है जिससे हम बेखबर रहते हैं। अब इन हादसों को रोकने के लिए सरकार ने सोमवार को सड़क सुरक्षा सप्ताह की शुरुआत की। गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक हर साल औसतन 5 लाख सड़क हादसे होते हैं जिनमें करीब 1.4 लाख लोगों की मौत हो जाती है। जबकि करीब 3 लाख लोग घायल हो जाते हैं। अब एक नई वेबसाइट बनाई जाएगी जो खतरनाक सड़कों के बारे में लोगों से जानकारी साझा करेगी। लोग भी बता सकेंगे कि कहां-कहां हादसे ज्यादा होते हैं। तैयारी कारों में एयर-बैग्स को अनिवार्य करने की भी है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा, ‘सड़क दुर्घटनाओं से हर साल करीब 55,000 करोड़ से 60,000 करोड़ रुपये का नुकसान होता है जो जीडीपी का 3.0 प्रतिशत है। यह देखना दु:खद है कि अधिकतर 22 से 33 वर्ष के युवा हादसे के शिकार होते हैं। ’ सड़क परिवहन मंत्रालय की तैयारी इस नई पहल के जरिए अगले पांच साल में सड़क हादसों में 50 फीसदी तक कमी लाने की है। अब अगली चुनौती इन फैसलों को जमीन पर कारगर तरीके से जल्दी लागू करने की होगी।
दिल्ली में 10 स्थान संवेदनशील
गडकरी ने कहा कि दिल्ली में 10 ऐसी जगहों पर आज काम शुरू होगा और यह ऐसी जगहें हैं जहां 150 तक लोगों ने अपनी जाने गंवाई हैं। यह खतरनाक जगह सराय काले खान, कश्मीरी गेट चौक (मोरीगेट), निगम बोध घाट, मुकुंदपवुर चौक, डा भाभा मार्ग क्रासिंग, पंजाबी बाग चौक, आईएसबीटी कश्मीरी गेट, महिपालपुर फ्लाईओवर, शनि मंदिर और शहादरा फ्लाईओवर हैं।
राज्यों को वित्तीय सहायता देगा केंद्र
नितिन गडकरी ने राज्यों से राज्य राजमार्ग के साथ नगर निगम तथा जिले सड़कों में ऐसी जगहों को दुरुस्त करने की अपील की। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय केंद्रीय सड़क उपकर में से कुछ सहायता केंद्र से राज्यों को उपलब्ध कराने के बारे में वित्त मंत्रालय से संपर्क करने पर विचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस प्रणाली में सुधार के लिए 30 पायलट परियोजनाएं शुरू की गई हैं। कंप्यूटरीकृत ड्राइविंग परीक्षण अनिवार्य किया जाएगा। एक बार चालक परीक्षण पास कर लेता है, उसे तीन दिन के भीतर लाइसेंस जारी कर दिया जाएगा। मंत्री ने कहा कि राजमार्ग के अलावा साइकिल ट्रैक तैयार किए जाएंगे और सड़क सुरक्षा प्राधिकरण गठित किया जाएगा।
स्वीडन से सीख लेने की जरूरत
इससे पहले इंडिया गेट से ‘वाकाथन’ के साथ सड़क सुरक्षा सप्ताह की शुरुआत करते हुए गडकरी ने कहा कि भारत इस संदर्भ में स्वीडन से सीख सकता हैं, जहां पिछले साल केवल एक दुर्घटना हुई। (इनपुट भाषा से भी)
देश में 726 स्थान दुर्घटना संवेदी
सड़क परिवहन मंत्रालय ने देश में सड़क सुरक्षा के लिए एक बड़ा कार्यक्रम तैयार किया गया है जिसके तहत अगले पांच साल में 726 ऐसी सड़कों या चौराहों को दुरुस्त किया जाएगा, जहां सबसे ज्यादा हादसे होते हैं। सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को एलान किया कि इस नई पहल पर 11,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
हर साल एक लाख चालीस हजार की मौत
देश में हर साल ऐसे सड़क हादसों में एक लाख चालीस हजार लोग मारे जाते हैं। यह वह त्रासदी है जिससे हम बेखबर रहते हैं। अब इन हादसों को रोकने के लिए सरकार ने सोमवार को सड़क सुरक्षा सप्ताह की शुरुआत की। गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक हर साल औसतन 5 लाख सड़क हादसे होते हैं जिनमें करीब 1.4 लाख लोगों की मौत हो जाती है। जबकि करीब 3 लाख लोग घायल हो जाते हैं। अब एक नई वेबसाइट बनाई जाएगी जो खतरनाक सड़कों के बारे में लोगों से जानकारी साझा करेगी। लोग भी बता सकेंगे कि कहां-कहां हादसे ज्यादा होते हैं। तैयारी कारों में एयर-बैग्स को अनिवार्य करने की भी है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा, ‘सड़क दुर्घटनाओं से हर साल करीब 55,000 करोड़ से 60,000 करोड़ रुपये का नुकसान होता है जो जीडीपी का 3.0 प्रतिशत है। यह देखना दु:खद है कि अधिकतर 22 से 33 वर्ष के युवा हादसे के शिकार होते हैं। ’ सड़क परिवहन मंत्रालय की तैयारी इस नई पहल के जरिए अगले पांच साल में सड़क हादसों में 50 फीसदी तक कमी लाने की है। अब अगली चुनौती इन फैसलों को जमीन पर कारगर तरीके से जल्दी लागू करने की होगी।
दिल्ली में 10 स्थान संवेदनशील
गडकरी ने कहा कि दिल्ली में 10 ऐसी जगहों पर आज काम शुरू होगा और यह ऐसी जगहें हैं जहां 150 तक लोगों ने अपनी जाने गंवाई हैं। यह खतरनाक जगह सराय काले खान, कश्मीरी गेट चौक (मोरीगेट), निगम बोध घाट, मुकुंदपवुर चौक, डा भाभा मार्ग क्रासिंग, पंजाबी बाग चौक, आईएसबीटी कश्मीरी गेट, महिपालपुर फ्लाईओवर, शनि मंदिर और शहादरा फ्लाईओवर हैं।
राज्यों को वित्तीय सहायता देगा केंद्र
नितिन गडकरी ने राज्यों से राज्य राजमार्ग के साथ नगर निगम तथा जिले सड़कों में ऐसी जगहों को दुरुस्त करने की अपील की। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय केंद्रीय सड़क उपकर में से कुछ सहायता केंद्र से राज्यों को उपलब्ध कराने के बारे में वित्त मंत्रालय से संपर्क करने पर विचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस प्रणाली में सुधार के लिए 30 पायलट परियोजनाएं शुरू की गई हैं। कंप्यूटरीकृत ड्राइविंग परीक्षण अनिवार्य किया जाएगा। एक बार चालक परीक्षण पास कर लेता है, उसे तीन दिन के भीतर लाइसेंस जारी कर दिया जाएगा। मंत्री ने कहा कि राजमार्ग के अलावा साइकिल ट्रैक तैयार किए जाएंगे और सड़क सुरक्षा प्राधिकरण गठित किया जाएगा।
स्वीडन से सीख लेने की जरूरत
इससे पहले इंडिया गेट से ‘वाकाथन’ के साथ सड़क सुरक्षा सप्ताह की शुरुआत करते हुए गडकरी ने कहा कि भारत इस संदर्भ में स्वीडन से सीख सकता हैं, जहां पिछले साल केवल एक दुर्घटना हुई। (इनपुट भाषा से भी)
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