अमृतसर / लखनपुर:
भारतीय जनता पार्टी नेता अरुण जेटली और सुषमा स्वराज को जम्मू हवाई अड्डे पर सोमवार को रोक लिया गया। जेटली और स्वराज शहर में प्रवेश की इजाजत नहीं देने के जम्मू-कश्मीर सरकार के फैसले के विरोध में जम्मू हवाई अड्डे के अंदर धरने पर बैठ गए। इस दौरान हवाई अड्डे के बाहर सैकड़ो भाजपा कार्यकर्ता झंडे हाथ में लेकर नारे लगाते रहे। इन नेताओं को हवाई अड्डे पर उतरने के बाद दिल्ली वापस जाने के लिए कहा गया, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। इससे पहले तिरंगा यात्रा सोमवार सुबह साढ़े 10 बजे अमृतसर से जम्मू की ओर रवाना हुई थी। श्रीनगर के लालचौक पर भाजपा की 26 जनवरी को तिरंगा फहराने की योजना से पहले पंजाब की सीमा से सटे राज्य का प्रवेश द्वार समझे जाने वाले लखनपुर में पुलिस बलों की टुकड़ियां तैनात की हुई हैं। यहां आने वाली सभी बसों की तलाशी ली गई। पंजाब से सटे इस क्षेत्र में पुलिसबल तैनात कर दिए गए हैं। पुलिस लाठियों, आंसू गैस के गोलों से लैस है और वह रावी नदी के पुल पर पैनी नजर रखे हुए है। इस पुल के मध्य को पंजाब और जम्मू-कश्मीर की विभाजक रेखा माना जाता है। जम्मू-कश्मीर सीमा पर 2,000 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं तथा बहुत से अन्य को तैयार रखा गया है। कठुआ की उपायुक्त जाहिदा खान ने कई बार शहर का दौरा किया और हिदायतें दीं, लेकिन उन्होंने संवाददाताओं के प्रश्नों का जवाब देने से इनकार कर दिया। यह क्षेत्र खान के ही अधिकारक्षेत्र में आता है। सामान की आपूर्ति करने वाले ट्रकों तक की तलाशी ली गई। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इस क्षेत्र में ऐसी सख्ती पहले कभी नहीं की गई। इतना ही नहीं 19 साल पहले के भाजपा मार्च के दौरान भी इतनी सख्ती नहीं की गई थी।(इनपुट एजेंसियों से भी)
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