श्रीनगर:
जम्मू एवं कश्मीर सरकार ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तिरंगा यात्रा को राज्य में प्रवेश करने की अनुमति न देने का फैसला किया। राज्य सरकार ने फैसला किया है कि वह गणतंत्र दिवस के दिन लाल चौक पर किसी भी अलगाववादी संगठन को रैली निकालने की भी अनुमति नहीं देगी। उच्चपदस्थ आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पहले से ही कहते आ रहे हैं कि गणतंत्र दिवस के दिन भाजपा द्वारा लालचौक पर तिंरगा फहराने के फैसले का उद्देश्य ठीक नहीं है। मुख्यमंत्री का मानना है कि इससे कश्मीर घाटी में कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। पिछले साल गर्मी में शुरू हुई हिंसा से घाटी अभी उबर रही है। इस दौरान सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़पों में 110 से अधिक लोग मारे गए थे। सूत्र ने बताया, "सरकार की तरफ से 26 जनवरी को बक्शी स्टेडियम में तिरंगा फहराने के कार्यक्रम में भाजपा कार्यकर्ता शामिल होते हैं तो उनका स्वागत है, लेकिन किसी को भी सरकारी समारोह को कमजोर करने और कानून एवं व्यवस्था बिगाड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी।" सूत्रों ने यह भी संकेत दिया कि सरकार ने भाजपा की तिरंगा यात्रा को राज्य में प्रवेश करने की अनुमति न देने का फैसला किया है और यात्रा को जम्मू क्षेत्र के कठुआ जिले के लखीनपुर में रोकने की योजना तैयार कर ली गई है। जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के अध्यक्ष मोहम्मद यासीन मलिक ने भाजपा की इस यात्रा के विरोध में 26 जनवरी को लाल चौक पर रैली निकालने की घोषणा की है। सूत्रों ने बताया कि शांति और सद्भाव कायम करने के लिए राज्य सरकार ने किसी भी अलगाववादी संगठन को रैली निकालने के लिए अनुमति न देने का फैसला किया है।
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