वंशवादी राजनीति की खिंचाई करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि वक्त बदल गया है और लगता है अब राजनीति में उपनामों की अहमियत नहीं रह गई है।
जेटली ने संभवत: राजनीति के लिए परिवारों पर निर्भर राजनीतिक दलों को आड़े हाथ लेते हुए कहा, 'महज़ इसलिए कि आप एक विशिष्ट परिवार से आते हैं और दूसरा कम प्रतिष्ठित परिवार से आता है...,' उन्होंने हालांकि किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन समझा जाता है कि उनका इशारा कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की ओर था जहां शक्ति परिवारों पर टिकी है और इस लोकसभा चुनाव में इन दोनों दलों की बुरी गत बनी है।
कांग्रेस अपने इतिहास की सबसे बुरी पराजय का सामना करते हुए कुल 44 सीट पर सिमट गई तो सपा उत्तर प्रदेश की 80 सीट में से पांच ही जीत पाई।
जेटली ने यहां श्रीराम कालेज आफ कॉमर्स में छात्रों को संबोधित करते हुए वंशवादी राजनीति पर यह प्रहार किया।
अर्थव्यवस्था की बात करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले कुछ साल से इसकी गति धीमी पड़ी है। उन्होंने कहा कि धीमी वृद्धि दर के चलते रोजगार के अवसर और आर्थिक गतिविधियां सिकुड़ी हैं तथा सरकार का राजस्व संग्रह कम हुआ है।
वित्त मंत्री ने कहा, 'मुझे लगता है कि हमें 24 साल से जारी इस बहस पर फिर जोर देने की जरूरत है कि क्या हम अधिक विनियमित समाज चाहते है या उच्च कराधान वाला समाज..।'
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