गीता 26 अक्तूबर 2015 को स्वदेश लौटी थी.
इंदौर:
बहुचर्चित घटनाक्रम के दौरान पाकिस्तान से तीन साल पहले स्वदेश लौटी मूक-बधिर युवती गीता के माता-पिता का अब तक पता नहीं चल सका है. हालांकि, उसके परिवार की खोज के लिए भारत सरकार के प्रयास वर्ष 2018 में भी जारी रहे. गीता, मध्यप्रदेश सरकार के सामाजिक न्याय और नि:शक्त कल्याण विभाग की देख-रेख में इंदौर की एक गैर सरकारी संस्था के आवासीय परिसर में रह रही है.
इस विभाग के संयुक्त निदेशक बीसी जैन ने पुष्टि की कि मूक-बधिर युवती के माता-पिता की खोज के लिए सरकार की कोशिशें अब भी जारी हैं. गीता सात-आठ साल की उम्र में पाकिस्तानी रेंजर्स को समझौता एक्सप्रेस में लाहौर रेलवे स्टेशन पर मिली थी. गलती से सरहद पार पहुंचने वाली यह लड़की भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के विशेष प्रयासों के कारण गीता 26 अक्तूबर 2015 को स्वदेश लौटी. स्वराज ने 20 नवंबर को मीडिया से बातचीत के दौरान गीता को 'हिंदुस्तान की बेटी' बताते हुए स्पष्ट किया कि देश में उसके परिवारवाले मिलें या न मिलें, वह दोबारा पाकिस्तान कभी नहीं भेजी जायेगी. उसकी देखभाल भारत सरकार ही करेगी.
गीता को माता-पिता से मिलाने वाले को मिलेगा 1 लाख का इनाम
बता दें, गीता मध्यप्रदेश सरकार के सामाजिक न्याय और नि:शक्त कल्याण विभाग की देख-रेख में इंदौर की गैर सरकारी संस्था "मूक-बधिर संगठन" के हॉस्टल में रह रही है. सरकार उसके माता-पिता की खोज में जुटी है. पिछले तीन साल के दौरान देश के अलग-अलग इलाकों के 10 से ज्यादा परिवार गीता को अपनी लापता बेटी बता चुके हैं. लेकिन सरकार की जांच में इनमें से किसी भी परिवार का इस मूक-बधिर युवती पर वल्दियत का दावा फिलहाल साबित नहीं हो सका है.
अब जबलपुर की महिला ने गीता को अपनी बेटी बताया
ढूंढ़ा जा रहा था दूल्हा
इसी बीच इसी साल गीता के लिए दूल्हे की तलाश शुरू कर गई थी. फेसबुक पर एक एनजीओ ने उसकी शादी के लिए एक ऐड पोस्ट किया था. ऐड पोस्ट किए जाने के 10 दिनों के अंदर करीब 20 लोगों ने गीता के साथ सात फेरे लेने की इच्छा जताई थी. मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया था कि शादी का पूरा खर्च विदेश मंत्रालय उठाएगा. यही नहीं शादी के बाद दूल्हा-दुल्हन को रहने के लिए घर और लड़के को सरकारी नौकरी देने की भी बात की गई थी.
(इनपुट- भाषा)
पाकिस्तान से आई गीता की शादी की तैयारी, दूल्हे को मिलेगा घर और सरकारी नौकरी
सालों बाद गीता की हो गई 'वतन वापसी'
इस विभाग के संयुक्त निदेशक बीसी जैन ने पुष्टि की कि मूक-बधिर युवती के माता-पिता की खोज के लिए सरकार की कोशिशें अब भी जारी हैं. गीता सात-आठ साल की उम्र में पाकिस्तानी रेंजर्स को समझौता एक्सप्रेस में लाहौर रेलवे स्टेशन पर मिली थी. गलती से सरहद पार पहुंचने वाली यह लड़की भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के विशेष प्रयासों के कारण गीता 26 अक्तूबर 2015 को स्वदेश लौटी. स्वराज ने 20 नवंबर को मीडिया से बातचीत के दौरान गीता को 'हिंदुस्तान की बेटी' बताते हुए स्पष्ट किया कि देश में उसके परिवारवाले मिलें या न मिलें, वह दोबारा पाकिस्तान कभी नहीं भेजी जायेगी. उसकी देखभाल भारत सरकार ही करेगी.
गीता को माता-पिता से मिलाने वाले को मिलेगा 1 लाख का इनाम
बता दें, गीता मध्यप्रदेश सरकार के सामाजिक न्याय और नि:शक्त कल्याण विभाग की देख-रेख में इंदौर की गैर सरकारी संस्था "मूक-बधिर संगठन" के हॉस्टल में रह रही है. सरकार उसके माता-पिता की खोज में जुटी है. पिछले तीन साल के दौरान देश के अलग-अलग इलाकों के 10 से ज्यादा परिवार गीता को अपनी लापता बेटी बता चुके हैं. लेकिन सरकार की जांच में इनमें से किसी भी परिवार का इस मूक-बधिर युवती पर वल्दियत का दावा फिलहाल साबित नहीं हो सका है.
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ढूंढ़ा जा रहा था दूल्हा
इसी बीच इसी साल गीता के लिए दूल्हे की तलाश शुरू कर गई थी. फेसबुक पर एक एनजीओ ने उसकी शादी के लिए एक ऐड पोस्ट किया था. ऐड पोस्ट किए जाने के 10 दिनों के अंदर करीब 20 लोगों ने गीता के साथ सात फेरे लेने की इच्छा जताई थी. मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया था कि शादी का पूरा खर्च विदेश मंत्रालय उठाएगा. यही नहीं शादी के बाद दूल्हा-दुल्हन को रहने के लिए घर और लड़के को सरकारी नौकरी देने की भी बात की गई थी.
(इनपुट- भाषा)
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