कुलभूषण जाधव का फाइल फोटो...
नई दिल्ली:
इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) कल यानि 18 मई को भारतीय समयानुसार साढ़े तीन बजे कुलभूषण जाधव मामले में अपना फ़ैसला सुनाएगा. इसके तीन संभावित पहलू नज़र रहे हैं.
1. ICJ इसे अपने अधिकार क्षेत्र में मानता है या नहीं...
भारत की मज़बूत दलील ये कि काउंसलर एक्सेस न देना वियना संधि का उल्लंघन है, इसलिए ये ICJ के अधिकार क्षेत्र में आता है.
पाकिस्तान की दलील कि ये आतंकवाद से जुड़ा और उसके राष्ट्रीय सुरक्षा पर ख़तरे का मामला है, इसलिए ICJ के दायरे में नहीं आता.
2. अगर ICJ इसे अपने अधिकारक्षेत्र का मामला मानता है फिर वह आगे क्या फ़ैसला देता है...
क्या वह भारत के उन मज़बूत तर्कों को मानेगा है जिसमें..
जाधव को काउंसलर एक्सेस न देना
उसे क़ानूनी सहायता से वंचित रखना
ज़बरदस्ती कराए गए कबूलनामे के आधार पर उसे दोषी मानना
न्यास के सिद्दांतों को ताक पर रख फांसी की सज़ा सुना देना...
ये तमाम तर्क शामिल हैं. यह भी देखना होगा कि वह पाक के तर्कों को तवज्जो देता है या नहीं.
पाकिस्तान ने भारतीय पासपोर्ट पर जाधव के मुस्लिम नाम को लेकर सवाल उठाए हैं और भारत के दावों को ख़ारिज करने के लिए कई तर्क गढ़े हैं.
3. सबसे बड़ा सवाल...
फ़ैसला भारत के हक़ में आता है तो पाकिस्तान उसे मानेगा या नहीं. पाक की ज़िद को देखकर तो लगता नहीं कि वो मानेगा, फिर आगे क्या...
क्योंकि ICJ का फ़ैसला वह नहीं मानता है तो फिर आगे क्या? वह दुनिया में अलग-थलग तो दिखेगा पर जाधव की जान बचाने के लिए भारत को और मशक़्क़त करनी होगी.
उम्मीद यही की जा सकती है कि फ़ैसला अपने ख़िलाफ़ आने पर पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय बिरादरी की नाराज़गी मोल नहीं लेगा और ICJ के हिसाब से चलेगा.
1. ICJ इसे अपने अधिकार क्षेत्र में मानता है या नहीं...
भारत की मज़बूत दलील ये कि काउंसलर एक्सेस न देना वियना संधि का उल्लंघन है, इसलिए ये ICJ के अधिकार क्षेत्र में आता है.
पाकिस्तान की दलील कि ये आतंकवाद से जुड़ा और उसके राष्ट्रीय सुरक्षा पर ख़तरे का मामला है, इसलिए ICJ के दायरे में नहीं आता.
2. अगर ICJ इसे अपने अधिकारक्षेत्र का मामला मानता है फिर वह आगे क्या फ़ैसला देता है...
क्या वह भारत के उन मज़बूत तर्कों को मानेगा है जिसमें..
जाधव को काउंसलर एक्सेस न देना
उसे क़ानूनी सहायता से वंचित रखना
ज़बरदस्ती कराए गए कबूलनामे के आधार पर उसे दोषी मानना
न्यास के सिद्दांतों को ताक पर रख फांसी की सज़ा सुना देना...
ये तमाम तर्क शामिल हैं. यह भी देखना होगा कि वह पाक के तर्कों को तवज्जो देता है या नहीं.
पाकिस्तान ने भारतीय पासपोर्ट पर जाधव के मुस्लिम नाम को लेकर सवाल उठाए हैं और भारत के दावों को ख़ारिज करने के लिए कई तर्क गढ़े हैं.
3. सबसे बड़ा सवाल...
फ़ैसला भारत के हक़ में आता है तो पाकिस्तान उसे मानेगा या नहीं. पाक की ज़िद को देखकर तो लगता नहीं कि वो मानेगा, फिर आगे क्या...
क्योंकि ICJ का फ़ैसला वह नहीं मानता है तो फिर आगे क्या? वह दुनिया में अलग-थलग तो दिखेगा पर जाधव की जान बचाने के लिए भारत को और मशक़्क़त करनी होगी.
उम्मीद यही की जा सकती है कि फ़ैसला अपने ख़िलाफ़ आने पर पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय बिरादरी की नाराज़गी मोल नहीं लेगा और ICJ के हिसाब से चलेगा.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं