पीएम हाउसिंग फंड : CBI ने कहा, DHFL के निदेशकों ने फर्जी होम लोन खातों के जरिए हजारों करोड़ का घोटाला किया

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बुधवार को कहा कि DHFL के निदेशकों ने फर्जी होम लोन खातों के जरिये हजारों करोड़ के इस घोटाले को अंजाम दिया. 

पीएम हाउसिंग फंड : CBI ने कहा, DHFL के निदेशकों ने फर्जी होम लोन खातों के जरिए हजारों करोड़ का घोटाला किया

Pradhan Mantri Awas Yojana के तहत होम लोन पर सब्सिडी दी जाती है

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री आवासीय योजना के तहत पीएम हाउसिंग फंड में हजारों करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है. केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बुधवार को कहा कि DHFL के निदेशकों ने फर्जी होम लोन खातों (Fake Home Loan Account) के जरिये हजारों करोड़ के इस घोटाले को अंजाम दिया. डीएचएफएल की माली हालत पहले ही खराब है और तमाम वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों से कंपनी जूझ रही है. 

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CBI ने बुधवार को प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) से जुड़े इस घोटाले को उजागर किया. इसके साथ ही दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (Dewan Housing Finance Limited) के प्रमोटरों  कपिल वाधवान और धीरज वाधवान के खिलाफ केस दर्ज किया. ये दोनों पहले ही मनी लांड्रिंग के मामले में जेल में हैं. 

केंद्रीय जांच ब्यूरो के अनुसार, कपिल और धीरज वाधवान (Kapil and Dheeraj Wadhawan) ने फर्जी और संदिग्ध होम लोन खाते बनाए, जो करीब 11 हजार 755 करोड़ रुपये के थे. इन फर्जी होम लोन खातों के आधार पर करीब 1880 करोड़ रुपये की सरकार की ओर से सब्सिडी हड़प कर ली गई. प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana) एक केंद्रीय योजना है, जो अक्टूबर 2015 में शुरू हुई थी. इस योजना के जरिये सरकार सभी को आवास देने का लक्ष्य हासिल करने की कोशिश कर रही है.

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इस आवासीय योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और निम्न और मध्यम आय वर्ग के लोगों को मकान के आकार और कर्ज के आधार पर ब्याज में सब्सिडी दी जाती है. यह हर साल 3 से 6.5 फीसदी तक होती है. मकान खरीदारों को ऐसे लोन देने वाले बैंक या डीएचएफएल जैसे वित्तीय संस्थान लोन के बाद सब्सिडी का दावा करते हैं. 

सीबीआई के अनुसार, दिसंबर 2018 में डीएचएफएल ने निवेशकों को बताया कि उसने पीएमएवाई (PMAY)के तहत 88,651  होम लोन को आगे बढ़ाया है और उसे 539 करोड़ रुपये सब्सिडी के तौर पर प्राप्त हुए हैं और 1347 करोड़ रुपये और मिलने बाकी हैं. हालांकि फोरेंसिक ऑडिट से पता चला कि कपिल औऱ धीरज वाधवान ने 2.6 लाख फर्जी होम लोन खाते डीएचएफएल की बांद्रा ब्रांच में खोले गए. वर्ष 2007 से 2019 के बीच इन खातों के जरिये 14,046 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर किया गया.

इनमें से 11,755 करोड़ रुपये संदिग्ध कंपनियों में जमा कराए गए.सीबीआई ने पिछले साल जून में वाधवान बंधुओं और यस बैंक के संस्थान राणा कपूर के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. केंद्रीय जांच एजेंसी ने आरोप लगाया था कि डीएचएफएल के डिबेंचर्स में निवेश के बदले कपूर फैमिली को रिश्वत दी गई थी. 

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यह घोटाला अप्रैल से जून 2018 के बीच अंजाम दिया गया, जब यस बैंक ने डीएचएफएल के लघु अवधि के डिबेंचर में 3700 करोड़ रुपये निवेशित किए थे.  बदले में वाधवान बंधुओं ने कथित तौर पर 600 करोड़ रुपये की रिश्वत कपूर फैमिली को दिए. ये रकम DoIT Urban Ventures को लोन के तौर पर दी गई. यह कंपनी कपूर की पत्नी और बेटियों द्वारा नियंत्रित थी. वाधवान बंधुओं को पिछले साल सीबीआई ने गिरफ्तार किया था.