मध्यप्रदेश में कांग्रेस को तोड़ने में अमित शाह के इस विश्वस्त सहयोगी ने निभाई अहम भूमिका...

मध्यप्रदेश के कद्दावर नेता रहे माधवराव सिंधिया के पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस छोड़ने के बाद अब जल्द ही औपचारिक तौर पर भाजपा का दामन थामेंगे.

मध्यप्रदेश में कांग्रेस को तोड़ने में अमित शाह के इस विश्वस्त सहयोगी ने निभाई अहम भूमिका...

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (फाइल फोटो)

खास बातें

  • बीजेपी ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस को दिया झटका
  • नरेंद्र सिंह तोमर ने निभाई है अहम भूमिका
  • अमित शाह के करीबी व विश्वस्त माने जाते हैं तोमर
नई दिल्ली:

मध्यप्रदेश के कद्दावर नेता रहे माधवराव सिंधिया के पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस छोड़ने के बाद अब जल्द ही औपचारिक तौर पर भाजपा का दामन थामेंगे. सिंधिया समर्थक विधायकों के समर्थन से भाजपा फिर प्रदेश की सत्ता पर कब्जा करने की मुक्कमल तैयारी कर चुकी है. भारतीय जनता पार्टी हालांकि कमलनाथ सरकार का तख्ता पलट करने की फिराक में काफी पहले से ही रही है, लेकिन पार्टी संगठन के एक मजबूत सिपाही और कद्दावर नेता ने इस बार सियासत की ऐसी बिसात बिछाई कि भाजपा कांग्रेस को तोड़ने में कामयाब हो गई.

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यह नेता कोई और नहीं, बल्कि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर हैं. जमीन से जुड़े नेता नरेंद्र सिंह तोमर का मध्यप्रदेश के ग्वालियर-चंबल संभाग में काफी प्रभाव है और कांग्रेस के ज्यादातर बागी विधायक भी इन्हीं संभाग से आते हैं, जिनके बगावत पर उतरने के कारण कमलनाथ सरकार संकट में आ गई है.केंद्रीय मंत्री के एक करीबी ने बताया कि भाजपा की नई सियासत की बिसात बिछाने के सूत्रधार नरेंद्र सिंह तोमर ही थे और मध्यप्रदेश से लेकर दिल्ली तक की राजनीतिक घटनाक्रमों में वह हमेशा सक्रिय रहे.

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करीबी सूत्र के अनुसार, ग्वालियर के मुरार में 1957 में पैदा हुए तोमर ने छात्र नेता के रूप ही अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी, इसलिए संगठन पर इनकी मजबूत पकड़ है. इस संभाग में कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाने की जिम्मेदारी इनको दी गई थी. ग्वालियर सिंधिया परिवार का गढ़ है, इसके लिए उनके गढ़ में पार्टी विधायकों को तोड़ने की रणनीति का सीधा मतलब था कि भाजपा ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए अपना दरवाजा पहले ही खोल दिया था.

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ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी व ग्वालियर की राजमाता विजया राजे सिंधिया जनसंघ की सक्रिय सदस्य होने के साथ-साथ भाजपा की संस्थापकों में शामिल रही थीं.यह भी बताया जाता है कि पार्टी में राजमाता विजया राजे सिंधिया के भी विश्वस्त रहे तोमर के सिंधिया परिवार से करीबी रिश्ते को देखते हुए भी उनको नई जिम्मेदारी सौंपी गई थी.

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सूत्रों ने बताया कि विगत कुछ दिनों से दिल्ली स्थित नरेंद्र सिंह तोमर के आवास 3, कृष्ण मेनन मार्ग पर मध्यप्रदेश के बड़े नेताओं की आवाजाही बढ़ गई थी. इसके अलावा, तोमर भी अपने क्षेत्र का दौरा ज्यादा करने लगे थे.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के करीबी व विश्वस्त माने जाने वाले तोमर को कुछ दिन पहले ही मध्यप्रदेश में भाजपा की रणनीति की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.

मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष पद से लेकर प्रदेश में कैबिनेट स्तर के मंत्री तक की जिम्मेदारी संभाल चुके तोमर मध्यप्रदेश में भाजपा के कद्दावर नेता हैं. प्रदेश में 'जय और वीरू' के नाम से चर्चित शिवराज और तोमर की जोड़ी ने 2013 में 165 सीटें जितवाकर भाजपा को तीसरी बार सत्ता में काबिज करवाई थी.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)