गणतंत्र दिवस परेड (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: ISIS की गतिविधियां दुनिया भर में बढ़ती जा रही हैं। भारत में भी इसके निशान दिख रहे हैं। शायद यही वजह है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश भर को इसके ख़तरे से आगाह किया है, ख़ासकर 'लोन वुल्फ़ अटैक' से।
फ़्रांस के राष्ट्रपति करेंगे गणतंत्र दिवस में शिरकत
केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक़ इस गणतंत्र दिवस पर ISIS को लेकर सुरक्षा तंत्र में सबसे ज़्यादा चिंता है क्योंकि इस बार फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसवा ओलांद गणतंत्र दिवस में मुख्य अतिथि हैं। इसीलिए गणतंत्र दिवस पर ISIS की इस बार असली खतरा है। हाल में पेरिस में हुए आतंकी हमलों में 130 लोग मारे गए थे।
सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम
सुरक्षा के प्रबंध इस बार रिहर्सल के दौरान ज़्यादा कड़े हैं। जनवरी के पहले हफ़्ते से ही विजय चौक आम जनता के लिए बंद कर दिया गया। साथ ही गणतंत्र दिवस परेड की रेहर्सल में भी कड़े इंतज़ाम देखने को मिले। सोमवार को डमी झांकियों में भी दो पैरमिलिट्री के जवान देखने को मिले।
लोन वुल्फ़ अटैक से सबसे ज़्यादा ख़तरा - MHA
एक वरिष्ठ अफ़सर ने एनडीटीवी इंडिया को बताया, 'ख़तरा इस बार ज़्यादा है इसलिए हमने सबको अलर्ट रहने को कहा है, खासकर लोन वुल्फ़ अटैक्स से।' लोन वुल्फ़ अटैक का मतलब है की एक शख़्स जो किसी एक ग्रुप से जुड़ा हुआ हो और अकेला ही हमला करे।
ISIS के ख़तरे को कैसे निपटें - गृह मंत्री ने ली मीटिंग
ISIS के ख़तरे को लेकर अभी गृह मंत्रालय ने एक मीटिंग भी की जिसमें ख़ुद गृह मंत्री राजनाथ सिंह पूरे समय रहे। इस मीटिंग में 13 राज्यों के पुलिस महानिदेशकों ने हिस्सा लिया। NTRO यानी नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गेनाइज़ेशन ने प्रेज़ेंटेशन भी दी जिसमें इसके बढ़ते प्रभाव को कैसे तकनीकी मदद से रोका जाए उस पर चर्चा हुई। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'ख़ास ध्यान नौजवानो को कैसे एंगेज किया जाए उस पर दिया गया।'