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This Article is From Aug 29, 2018

बिजली उत्पादन के लिए महाराष्ट्र में अपनाया जाएगा यह नया तरीका

बिजली उत्पादन के लिए बड़े बांधों की शांत जलराशि में तैरने वाले सौर पैनल लगाने की योजना

बिजली उत्पादन के लिए महाराष्ट्र में अपनाया जाएगा यह नया तरीका
प्रतीकात्मक फोटो.
मुंबई: महाराष्ट्र में एक सरकारी एजेंसी की बिजली उत्पादन के लिए दो बांधों के रुके पानी (बैकवॉटर) में तैरने वाले सौर पैनल लगाने की योजना है.  राज्य सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि सौर ऊर्जा उत्पादन परियोजना के लिए दो स्थानों का चयन किया गया है. औरंगाबाद के जायकवाड़ी बांध और सोलापुर के उजनी बांध पर यह परियोजना लगाई जाएंगी.

दोनों बांधों पर फ्लोटिंग यानी पानी में तैरनेवाले सौर पैनल लगाने की योजना मराठवाड़ा वैधानिक विकास निगम (एमएसडीसी) की है. यह राज्य सरकार द्वारा गठित एजेंसी है. उन्होंने कहा कि उजनी बांध पर सौर पैनल लगाने के लिए किया जा रहा अध्ययन उन्नत चरण में है जबकि जायकवाड़ी बांध को इसमें बाद में शामिल किया जाएगा.

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उजनी बांध की तरह ही जायकवाड़ी बांध में भी बड़े पैमाने पर शांत पानी है. इसका उपयोग तैरने वाले सौर पैनल लगाकर बिजली उत्पादन में किया जा सकता है. एमएसडीसी के चेयरमैन भागवत कराड ने कहा, "बांध के आखिरी छोर पर काफी खाली स्थान है. सौर पैनल लगाने के लिए इसका उपयोग करने की योजना है."

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मराठवाड़ा जायकवाड़ी बांध गोदावरी नदी में बना है और यह क्षेत्र इस उद्योग के लिए प्रमुख जल स्त्रोत है. वहीं, भीमा नदी पर बना उजनी बांध जल संग्रह क्षमता के लिहाज से राज्य का दूसरा सबसे बड़ा बांध है.
उन्होंने कहा कि उजनी और जायकवाड़ी बांध एमएसडीसी के अधिकार क्षेत्र में आते हैं. हमने इस अवधारणा को गंभीरतापूर्वक आगे बढ़ाने और सौर पैनलों की स्थापना के लिए व्यावहारिक योजनाएं पेश करने का फैसला किया है.
(इनपुट भाषा से)

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