उत्तरप्रदेश के इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर पर पड़ी टैक्स छापेमारी ने राजनैतिक रूप ले लिया है. जहां एक तरफ विपक्ष इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बता रहा है वहीं, कुछ पार्टियां पीयूष जैन और उनके यहां से जब्त कैश को भाजपा से संबंधित बता रही हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह साफ किया कि जैन से बरामद हुआ पैसा भाजपा का नहीं है. सीतारमण ने कहा, "यह भाजपा का पैसा नहीं है."
अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीतारमण ने कहा, "कानून लागू करने वाली एजेंसियां छापेमारी में कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी पर काम करती हैं. क्या कर अधिकारी कार्रवाई के बाद खाली हाथ लौटे? आयकर विभाग ने कदम उठाने लायक खुफिया जानकारी के आधार पर कन्नौज से समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य समेत उत्तर प्रदेश में छापे मारे."
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सीतारमण ने कहा, "इत्र कारोबारी पर GST इंटेलिजेंस के लोगों ने रेड की. इसके ऊपर कई गलतफहमियां और तोहमत लगाई गई, लेकिन सही घर में गए तभी इतना कुछ निकला है. हालांकि यह कहना कि गलत घर में गए ये ठीक नहीं है. जहां पैसा मिला वो क्या आपका पैसा है? क्या पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इससे डर गए हैं? अखिलेश यादव की क्या दिलचस्पी है? इतना पैसा पकड़ा गया फिर ये सारे आरोप लगा रहे हैं. रेड अभी चल रही है.
उन्होंने कहा, "अखिलेश यादव को तो व्यापारी के घर में इतना पैसा रखने की निंदा करना, न कि सरकारी ऐजेंसी पर गलत आरोप लगाना चाहिए. अखिलेश यादव को यह कैसे पता कि किसका पैसा रखा हुआ है. अगर वो बोल रहे हैं कि बीजेपी का पैसा है तो अखिलेश को कैसे पता शायद वो इत्र कारोबारी के पार्टनर हैं तभी इतना पता होगा. चुनाव के वक्त रेड इस आरोप का क्या मतलब है, जब चोरी होगी तभी चोर को पकड़ा जाएगा."
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