मुंबई/नई दिल्ली:
नौसेना के लिए 'मोरमुगाओ' नाम के निर्देशित मिसाइल विध्वंसक 'प्रोजेक्ट 15 बी' के दूसरे जहाज का 17 सितंबर को मुंबई में जलावतरण किया जाएगा. इस जहाज का निर्माण करने वाला मझगांव शिपयार्ड कार्यक्रम में निजी जहाज निर्माण यार्ड को शामिल करने के लिए 10 ब्लॉकों का काम आउटसोर्स करेगा. नौसेना का लक्ष्य इस परियोजना में स्वदेशीकरण का स्तर 68 फीसदी तक ले जाने का है.
इसने बताया कि प्रथम स्वदेशी विमान वाहक पोत (आईएससी) के लिए साल 2018 का लक्ष्य रखा है, जबकि सरकार आईएसी 2 पर गंभीरता से विचार कर रही है और यह अपने योजना के स्तर पर है.
वाइस एडमिरल (जंगी जहाज उत्पादन एवं खरीद नियंत्रक) जीएस पाब्बी ने बताया कि नौसेना का लक्ष्य 2027 तक अपने बेड़े में 212 जहाज करने का है और यह एक असली चुनौती होगी तथा इसके लिए बहुत कड़ी मेहनत करने की जरूरत है.
उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि नौसेना ने पिछले एक साल में पांच जहाज शामिल किए हैं, जिनमें तीन जंगी जहाज हैं. उन्होंने कहा कि यह पहला मौका है जब नौसेना ने एक श्रेणी के इतने सारे जहाज बनाए हैं और इस प्रक्रिया ने स्वदेशीकरण में मदद की है. इस परियोजना के तहत प्रथम जहाज और निर्देशित मिसाइल विध्वंसक 'विशाखापत्तनम' का पिछले साल 20 अगस्त को जलावतरण किया गया था.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
इसने बताया कि प्रथम स्वदेशी विमान वाहक पोत (आईएससी) के लिए साल 2018 का लक्ष्य रखा है, जबकि सरकार आईएसी 2 पर गंभीरता से विचार कर रही है और यह अपने योजना के स्तर पर है.
वाइस एडमिरल (जंगी जहाज उत्पादन एवं खरीद नियंत्रक) जीएस पाब्बी ने बताया कि नौसेना का लक्ष्य 2027 तक अपने बेड़े में 212 जहाज करने का है और यह एक असली चुनौती होगी तथा इसके लिए बहुत कड़ी मेहनत करने की जरूरत है.
उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि नौसेना ने पिछले एक साल में पांच जहाज शामिल किए हैं, जिनमें तीन जंगी जहाज हैं. उन्होंने कहा कि यह पहला मौका है जब नौसेना ने एक श्रेणी के इतने सारे जहाज बनाए हैं और इस प्रक्रिया ने स्वदेशीकरण में मदद की है. इस परियोजना के तहत प्रथम जहाज और निर्देशित मिसाइल विध्वंसक 'विशाखापत्तनम' का पिछले साल 20 अगस्त को जलावतरण किया गया था.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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