केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
आलोचना झेल रही सरकार ने शुक्रवार रात कहा कि न्यायाधीशों के रिक्त पदों को भरने के लिए वह तमाम कोशिश कर रही है, वहीं उसने जोर देकर कहा कि पूर्व के यूपीए शासन की तुलना में एनडीए शासन के दौरान उच्च न्यायालयों में रिक्तियों में असमान्य वृद्धि नहीं हुई.
सूत्रों ने कहा कि पिछले दो साल के दौरान उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति की औसत वाषिर्क दर में गिरावट नहीं आयी है, हालांकि एनजेएसी मुद्दे की सुनवाई के दौरान अप्रैल-दिसंबर 2015 के दौरान नई नियुक्तियां नहीं हुई.
रिक्तियां नहीं भरे जाने को लेकर प्रधान न्यायाधीश टी एस ठाकुर के कड़े बयान के मद्देनजर एक सूत्र ने कहा, ‘भारत सरकार न्यायपालिका और उसकी स्वतंत्रता का पूरा सम्मान करती है.’ सूत्र ने कहा कि सरकार न्यायिक अदालतों में बढ़ते लंबित मामलों को लेकर चिंतित है और सरकार यह देखने के लिए पूरा प्रयास कर रही कि रिक्त पद भरे जाएं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सूत्रों ने कहा कि पिछले दो साल के दौरान उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति की औसत वाषिर्क दर में गिरावट नहीं आयी है, हालांकि एनजेएसी मुद्दे की सुनवाई के दौरान अप्रैल-दिसंबर 2015 के दौरान नई नियुक्तियां नहीं हुई.
रिक्तियां नहीं भरे जाने को लेकर प्रधान न्यायाधीश टी एस ठाकुर के कड़े बयान के मद्देनजर एक सूत्र ने कहा, ‘भारत सरकार न्यायपालिका और उसकी स्वतंत्रता का पूरा सम्मान करती है.’ सूत्र ने कहा कि सरकार न्यायिक अदालतों में बढ़ते लंबित मामलों को लेकर चिंतित है और सरकार यह देखने के लिए पूरा प्रयास कर रही कि रिक्त पद भरे जाएं.
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